अल्लाह ने पैगंबर-ए-आजम को नूर बनाकर भेजा
ईद मिलादुन्नबी का पर्व अकीकत के साथ मनाया गया। कोरोना के संक्रमण के चलते जुलूस नहीं निकले गए।
कासगंज, जेएनएन। ईद मिलादुन्नबी का पर्व समूचे जिले में शुक्रवार को अकीदत के साथ मनाया गया। विभिन्न स्थानों पर जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी हुआ। मुस्लिम बस्तियो को दुल्हन की तरह सजाया गया था। मुस्लिम समाज के लोगों में उत्साह था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते जिले में जुलूस नहीं निकाले गए।
कस्बा भरगैन की गौसिया मस्जिद के पेश इमाम हाफिज जुबैर अहमद खान ने कार्यक्रम में कहा कि अल्लाह ने पैगंबर-ए-आजम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम को नूर बनाकर भेजा है। अगर हमें सुकून व इत्मिनान हासिल करना है तो पैगंबर-ए-आजम के बताए हुए रास्ते पर चलना होगा। कासगंज, सहावर, गंजडुंडवारा, पटियाली, सिढ़पुरा, अमांपुर और बिलराम में भी कोरोना की गाइडलाइन के चलते जुलूस नहीं निकाला गया। लोगों ने अपने घरों पर रहकर ही ईद मिलादुन्नबी का पर्व अकीदत के साथ मनाया। भरगैन के दारुल उलूम चिश्ती बरकाते र•ा के परिसर में हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन पर उनके नाम की फातिहा ख्वानी का आयोजन हुआ। लंगर भी वितरित किया गया। हाफिज जुबैर अहमद खान ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी की मुसलमानों को अल्लाह की तरफ से सौगात मिली है। उन्होंने पैगंबर-ए-इस्लाम ह•ारत मुहम्मद साहब की जिदगी पर रोशनी डाल कर लोगों को इस्लाम के रास्ते पर चलने की हिदायत दी। अल्लाह ने पैगंबर-ए-आजम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम को नूर बनाकर भेजा है। अगर हमें सुकून व इत्मिनान हासिल करना है तो पैगंबर-ए-आ•ाम के बताए हुए रास्ते पर चलना होगा।
हाफिज जुबैर अहमद खान, धर्मगुरु, भरगैन