छाया के प्रबंध न होने से खरीद केंद्रों में भीगा गेहूं

संवाद सहयोगी भोगनीपुर मलासा ब्लाक की सहकारी समिति रायरामापुर में गेहूं भंडारण की पय

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:33 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:33 PM (IST)
छाया के प्रबंध न होने से खरीद केंद्रों में भीगा गेहूं
छाया के प्रबंध न होने से खरीद केंद्रों में भीगा गेहूं

संवाद सहयोगी, भोगनीपुर : मलासा ब्लाक की सहकारी समिति रायरामापुर में गेहूं भंडारण की पर्याप्त जगह न होने के कारण खुले में रखा गेहूं बारिश में भीग गया। वहीं सहकारी समिति अरहरियामऊ में मंगलवार को ताला बंद रहने के कारण गेहूं की खरीद नहीं हो सकी। इससे गेहूं बिक्री के लिए पहुंचे किसानों को बैरंग लौटना पड़ा।

मलासा ब्लाक की साधन सहकारी समिति रायरामापुर में सरकार की मूल्य समर्थन योजना के तहत पीसीयू की ओर से सरकारी गेहूं खरीद केन्द्र खोला गया है। सोमवार शाम तक खरीदा गया 150 क्विटल गेहूं गोदाम में न रख पाने के कारण बारिश में भीग गया। वहीं मलासा ब्लाक के साधन सहकारी समिति अरहरियामऊ में पीसीएफ खरीद केंद्र में मंगलवार को केंद्र प्रभारी के न पहुंचने पर ताला लटकता रहा। गेहूं बिक्री के लिए सिथरा रामपुर से पहुंचे हरीओम, टुटुईचंद, जितेंद्र कटियार सहित अन्य किसानों ने बताया कि पूरा दिन ट्रैक्टर लेकर खड़े रहे, लेकिन प्रभारी के न आने से गेहूं की बिक्री नहीं हो सकी।

केंद्र प्रभारी शिवमोहन पाल ने बताया कि अस्वस्थ हो जाने के कारण मंगलवार को केंद्र पर नही पहुंच सके। वहीं रायरामापुर खरीद केंद्र प्रभारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक केन्द्र पर 27 किसानों से 1700 कुंतल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। परिवहन ठेकेदार के उठान न करने से गेहूं को छाया में नहीं रखा जा सका। मामले की जानकारी वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को दी गई है। इसी प्रकार रसूलाबाद में बिल्हौर रोड पर राजकीय खाद्य निगम के दो खरीद केंद्र बनाए गए हैं। खरीद केंद्र पर पर्याप्त व्यवस्थाएं न होने के कारण किसानों का गेहूं खुले में ही रखा है। वहीं एजेंसियों के खरीदा गया गेहूं भी खुले में एकत्र है। बारिश की संभावना होने के बाद भी विभाग की ओर से छाया की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे खुले में रखा गेहूं भीग गया। केंद्र की प्रभारी उषा व एसएमआइ आकाश वर्मा ने बताया कि केंद्र पर गेहूं की खरीद बराबर जारी है। परिवहन ठेकेदार समय से गेहूं की उठान नहीं कर रहा है। इससे जितने गेहूं के लिए तिरपाल की व्यवस्था है उसे ढंका गया है। शेष गेहूं आंशिक रूप से भीगा है।

chat bot
आपका साथी