नजर नहीं आई साप्ताहिक बंदी, लोग हुए बेपरवाह
जागरण संवाददाता कानपुर देहात कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम करने के लिए साप्ताहिक बंद
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम करने के लिए साप्ताहिक बंदी भले लगाई गई हो, लेकिन जनता पूरी तरह से बेपरवाह बनी हुई है। पूरे जिले में जहां दुकानें खुली रही तो सड़कों पर बेरोकटोक आवागमन होता रहा। झींझक में तो क्रॉसिग बंद होने पर भीड़ इतनी थी कि जाम की स्थिति बन गई। ऐसे में कैसे संक्रमण रुकेगा, बड़ा सवाल है।
अकबरपुर में लोग मंगलवार को बेखौफ होकर बाइक व कार से घूमते रहे। फल व सब्जी के अलावा बाकी दुकानदार भी दुकान खोले रहे। भोगनीपुर क्षेत्र में लोग सरेआम सड़क पर बिना मास्क लगाए भीड़ के रुप में खड़े नजर आए। दुकानों पर लोग खरीदारी करते रहे और एक दूसरे के करीब भी खड़े रहे जैसे कि उन्हें कोरोना का डर न हो। उधर रूरा में मंगलवार को दुकानें बंद रहीं, लेकिन सड़कों पर पैदल राहगीरों व बाइक, कार सवार फर्राटा भरते रहे। इन सबके बीच मे संचालित ऑटो व ई रिक्शा ने कस्बा व अन्य स्थानों पर सवारी ढोने के लिए दो गुना से तीन गुना तक रुपये ऐंठ कर जेबें भरीं। व्यापार मंडल के मोनू गुप्ता, श्याम जी वैश्य, अवधेश शुक्ला, दुर्गेश दीक्षित ने व्यापारियों को बताया कि दुकान खुलने वाले दिन ग्राहकों की भीड़ में सुरक्षा का पूर्ण ध्यान दे जैसे स्वयं मास्क लगाए और खरीदारी के लिए बिना मास्क लगाकर आने वाले लोगों को पहले मास्क लगवाए फिर खरीदारी करने दें। मंगलवार को बंदी के बावजूद अन्य दिनों की अपेक्षा सुबह से ही लोगों की चहलकदमी ज्यादा देखने को मिली। नहर पुल के पास लगी फल की दुकानों में भी खरीदारों के आने जाने से शारीरिक दूरी भंग होती रही। बस स्टॉप चौराहे से नहर पुल तक दस रुपये सवारी के बजाय 50 रुपये वहीं झींझक व अकबरपुर आदि स्थानों के लिए दो गुने रुपये यह कहकर वसूलते रहे कि साप्ताहिक बंदी है वाहन नहीं मिलेगा। उधर दोपहर के समय रेलवे क्रॉसिग मामूली देर के दौरान बन्द होने पर वाहन सवारों की कतार लग गई। उधर झींझक में मंगलवार की दोपहर लगातार ट्रेनों के आवागवन के कारण दोपहर एक बजे से 1:40 मिनट तक करीब झींझक फाटक नहीं खुल सका। इस बीच फाटक के दोनों तरफ दोपहिया व चार पहिया वाहनों की भीड़ लग गयी और लोग एक दूसरे के पास खड़े नजर आए और किसी को कोरोना का भय नहीं दिखा।