कुछ आदतों को बदलकर हम बचा सकते हैं पानी
जागरण संवाददाता कानपुर देहात पानी अनमोल है इसे बचाने को हर जतन करना चाहिए। हम अपनी
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : पानी अनमोल है, इसे बचाने को हर जतन करना चाहिए। हम अपनी छोटी छोटी आदतों को बदलकर पानी बचाने जैसा पुण्य काम कर सकते हैं। लोग वाहनों को धुलने के अलावा गर्मी के समय में घरों के बाहर व सड़क पर पानी डालकर न जाने कितना पानी बर्बाद कर डालते हैं। इसमें सुधार कर हमें भविष्य को सुरक्षित करना है।
एक व्यक्ति को दिनभर की जरूरत के लिए करीब 40 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इसमें पेयजल से लेकर स्नान व बाकी काम शामिल हैं, लेकिन जब हम एक कार को धोते हैं तो करीब 50 लीटर से अधिक व दोपहिया वाहन को धुलते समय 20 लीटर से अधिक पानी की बर्बादी करते हैं जबकि हम गीले कपड़े से भी इसे साफ कर सकते हैं। लोग पाइप से न जाने कितना पानी बहाते ही रहते हैं। ऐसे में इस आदत को सही करके कम से कम हम दो व्यक्ति की जरूरत का पानी बचा सकते हैं। वहीं गर्मियों के समय में कई लोगों की आदत होती है कि सुबह व शाम घर के बाहर पानी का छिड़काव करते हैं, जिससे गर्मी से थोड़ी राहत मिले। इसी तरह घरों व दुकानों के सामने ही सड़क पर पानी का छिड़काव करते हुए कई लोग नजर आ जाएंगे। यह पानी धरा पर गिरकर बर्बाद हो जाता है और हम इसके दोषी होते हैं। बहुत से लोग रोजाना छिड़काव करते हैं और सबसे अधिक पानी उसी समय बर्बाद होता है। राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. भुवनेश कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि अगर हम अपने वाहनों को कपड़े से ही साफ करें या गर्मी के समय कुछ दूसरी आदतों में सुधार कर लें तो काफी पानी बचाया जा सकता है। पानी अगर बचाया न गया तो आने वाला समय संकट भरा है।