50 केंद्रों में अब तक शुरू भी नहीं हुई खरीद

जागरण संवाददाता कानपुर देहात जिले में गेहूं खरीद के लिए पांच एजेंसियों के 5

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 07:49 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 08:34 PM (IST)
50 केंद्रों में अब तक शुरू भी नहीं हुई खरीद
50 केंद्रों में अब तक शुरू भी नहीं हुई खरीद

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जिले में गेहूं खरीद के लिए पांच एजेंसियों के 58 केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन नौ दिन बीतने के बाद भी खरीद को रफ्तार नहीं मिल रही है। आठ केंद्रों में 44 किसानों से ही खरीद की जा सकी है जबकि 50 केंद्रों में किसानों से खरीद शुरू भी नहीं हो सकी है। किसानों के न पहुंचने से केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है।

रबी विपणन वर्ष 2021-22 में गेहूं खरीद के लिए खाद्य विभाग, पीसीयू, पीसीएफ, मंडी समिति सहित पांच एजेंसियों के 58 केंद्र बनाए गए हैं। एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई है। खरीद केंद्रों पर किसानों को बिक्री के दौरान समस्या न हो इसके निर्देश शासन की ओर से दिए गए हैं। खरीद के नौ दिन बीतने के बाद भी केंद्रों पर किसान नहीं पहुंच रहे है। स्थिति यह है कि नौ दिन बीतने के बाद भी अब तक 50 केंद्रों में खरीद शुरू भी नहीं हो सकी है। वहीं अकबरपुर मंडी, रूरा, झींझक, पुखरायां मंडियों सहित आठ केंद्रों में अब तक 44 किसानों से 2550 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है। इस बार गेहूं खरीद से नाफेड, कर्मचारी कल्याण निगम, यूपी एग्रो, एनसीसीएफ को बाहर रखा गया, जिससे जिले में केंद्रों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कम है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी शिशिर कुमार ने बताया कि फसल की कटाई न होने के कारण किसान केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं। अब तक 10 फीसद ही गेहूं की कटाई हुई है। केंद्रों पर किसानों को समस्या न हो इसके लिए प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं। गजनेर कस्बे में पीसीएफ का गेहूं खरीद केंद्र बनाया गया है, लेकिन पिछले तीन दिनों से केंद्र बंद रहने से किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं बिक्री के संबंध में जानकारी के लिए किसान पहुंच रहे, लेकिन प्रभारी के नदारद रहने से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। अकबरपुर मंडी में बनाए खाद्य विभाग के केंद्र पर शनिवार को चार किसानों से खरीद की गई। केंद्र प्रभारी तोषकर झा ने बताया कि निर्धारित समय से ही खरीद शुरू कर दी गई थी। चार किसानों से करीब 200 क्विंटल की खरीद हुई है। फीडिग न होने के कारण खरीद के आंकड़े आनलाइन नहीं हो पा रहे हैं।

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