कीचड़युक्त मार्ग व टूटा पुल बयां कर रही गंभीरा गांव की बदहाली
संवाद सहयोगी रसूलाबाद ढाई हजार की आबादी वाले गंभीरा गांव में बदहाल कच्चे मार्ग के साथ ह
संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : ढाई हजार की आबादी वाले गंभीरा गांव में बदहाल कच्चे मार्ग के साथ ही सड़कों पर कीचड़ व गंदगी व्याप्त है। इससे लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है जबकि गांव में 20 वर्षों से बंबे का पुल टूटा है, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता ऐसी है कि कई बार शिकायत के बाद भी समाधान तो दूर बल्कि ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
ब्लाक क्षेत्र के गंभीरा गांव की आबादी ढाई हजार के करीब है, जिसमें लक्ष्मीपुर एवं गंभीरा मजरों में लगभग 330 परिवार रहते हैं। गांव के अधिकांश लोग बिजली कनेक्शन ले चुके हैं, जिससे गांव में आपूर्ति के लिए 63 केवीए के दो ट्रांसफार्मर है, लेकिन बिजली लाइन के तार अत्यंत जर्जर होने से हवा में तार टूटकर गिरते हैं। इससे ग्रामीणों को हादसे का अंदेशा सताता रहता है। वहीं गांव में जल निकासी के उचित प्रबंध न होने से गलियों में कीचड़ व गंदगी के अंबार लगे हैं। कच्चे मार्ग से लोगों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही गांव में बंबे का पुल पिछले 20 वर्षों से टूटा पड़ा है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समस्या को लेकर गांव के सेवानिवृत्त बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट सेवक राम ने गत वर्ष सांसद सुब्रत पाठक को प्रार्थना पत्र देकर निस्तारण की मांग की थी। इतना ही नहीं वर्ष 2014 में कन्नौज सांसद डिपल यादव के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को भी समस्या निस्तारण के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन इसके बाद भी समस्या बरकरार है। जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण ग्रामीणों में निराशा है। उन्होंने बताया कि गंभीरा गांव के बम्बे की पटरी तरौली से दिब्बापुरवा तक पक्की बनवा दी जाए इससे जनता को आवागमन में सुविधा होने लगेगी।