कहीं कार न देने पर तो नहीं वारदात को दिया गया अंजाम

जागरण संवाददाता कानपुर देहात मानसिक तनाव में इतनी जघन्य वारदात को अंजाम देना किसी के गल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 11:57 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 11:57 PM (IST)
कहीं कार न देने पर तो नहीं वारदात को दिया गया अंजाम
कहीं कार न देने पर तो नहीं वारदात को दिया गया अंजाम

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : मानसिक तनाव में इतनी जघन्य वारदात को अंजाम देना किसी के गले नहीं उतर रहा। हत्या के पीछे आरोपित को सभासद के द्वारा कार न देना भी हो सकता है। एक माह पहले स्कॉर्पियो खरीदकर सभासद लाए थे और अवनीश ने कुछ दिन पहले किसी काम से मांगी भी थी जिस पर सभासद ने मना कर दिया था। मानसिक तनाव में चल रहे अवनीश ने कहीं इसी बात पर खुन्नस तो नहीं रख ली। उसने कार को भी आग लगाने का प्रयास किया था और यह बात इसी ओर इशारा कर रही कि कार न देने से वह नाराज था।

मानसिक तनाव में इतनी बड़ी घटना वह भी दूसरों के साथ कोई करेगा यह अपने आप में आश्चर्य है। तनाव में इंसान अपनी जान देता है या अपनों को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन किसी दूसरे को नुकसान पहुंचाना जिसने कभी कुछ गलत न कहा हो यह बात किसी को भी हजम नहीं हो रही है। एक माह पहले सेकेंड हैंड स्कॉर्पियो सभासद जितेंद्र यादव ने एक सपा नेता से खरीदी थी। कार आने से पूरे घर में खुशी का माहौल था और बच्चे इससे घूमने जाते थे। कुछ दिन पहले अवनीश ने कानपुर जाने के लिए जितेंद्र से कार मांगी थी, इस पर उन्होंने इन्कार कर दिया था। अब इस वारदात के हो जाने पर यह बात चर्चा है कि कहीं यही इन्कार तो इस कांड की वजह तो नहीं बना। तीनों को जलाने के बाद कार को जलाना भी इसी बिदु पर इशारा कर रहा कि कहीं न कहीं यह आरोपित के मन में था कि कार को देने से मना किया था। मानसिक तनाव में रहने की वजह से हो सकता है कि यह बात उसके घर कर गई हो और सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया।

पहले की रेकी फिर की घटना

इलाकाई लोगों ने बताया कि अवनीश को रात में मकान के बाहर इधर-उधर देखते व गली में घूमते हुए देखा गया था। इससे आशंका है कि वह रेकी कर रहा था कि कहीं बाहर लोग तो नहीं हैं और किस तरह से वह यहां से भागेगा। घटना के बाद वह बाउंड्री फांदकर भागा था।

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