संकट में घिरे मजदूर को रोजगार देकर बने सहारा

गोल्डन द्विवेदी रूरा लॉकडाउन ने दिहाड़ी मजदूर व बाकी परिवारों पर संकट ला दिया। घर म

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 06:40 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 06:40 PM (IST)
संकट में घिरे मजदूर को रोजगार देकर बने सहारा
संकट में घिरे मजदूर को रोजगार देकर बने सहारा

गोल्डन द्विवेदी, रूरा

लॉकडाउन ने दिहाड़ी मजदूर व बाकी परिवारों पर संकट ला दिया। घर में चूल्हा जलने तक में समस्या आने लगी, ऐसे में प्रमुख व्यवसायी रामजी गुप्ता ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया और कई परिवारों के लिए सहारा बने। उन्होंने कई परिवारों को अपने कोल्ड स्टोर, खाद्य पदार्थ व अन्य उद्योग से जुड़े कारखाने में काम दिया। ऐसे समय में लोगों को रोजगार मिला तो उनके चेहरे पर भी मुस्कान आ गई।

मार्च में लॉकडाउन लगा तो आमजन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। दिहाड़ी कमाकर खाने वाले व चौराहों पर काम की तलाश में रोजाना खड़े होने वाले मजदूर परिवारों पर आफत टूट पड़ी। कई दिनों तक किसी तरह से चूल्हा चौका चलता रहा और भोजन मिलता रहा, लेकिन आखिर में काम न होने पर पास में रखे रुपये भी समाप्त हो गए। ऐसे समय में कृषि व खाद्य पदार्थ से जुड़े उद्योग के संचालन की अनुमति थी और मजदूरों के इस संकट को बखूबी समझा रामजी गुप्ता ने। उनके यहां काम करने वाले मजदूरों से उन्हें बाकी लोगों पर आई समस्या का पता चला। इसके बाद नियमित मजदूरों को प्रतिदिन काम देने के साथ ही आसपास के जैसे जगदीशपुर, कारीकलवारी, धनीरामपुर, तिगाईं, गैजुमऊ, लमहरा, अमरसिंह पुरवा, सिठमरा सहित अन्य गांव के करीब एक सैकड़ा जरूरतमंदों को अतिरिक्त रूप में रखा। इनसे कोल्ड स्टोर में आलू छांटना, बीनना, पल्लेदारी से लेकर पैकिग व अन्य काम कराए गए। रोजाना ही इनका भुगतान किया गया और काम पाकर उनका घर चल पड़ा। यह क्रम मार्च से शुरू होकर मई के बाद तक चला। इसके बाद गतिविधियां कुछ सामान्य होने लगीं तो कई लोगों को बाकी जगह भी काम मिलना शुरू हो गया। वह कहते हैं कि इन्हीं मजदूरों व कर्मचारियों के जरिये ही उनका व्यापार चल रहा है। उनके दर्द को आखिर हम नहीं समझेंगे तो कौन समझेगा। संकट सभी पर आता है और मजदूर भी उनके परिवार की तरह हैं।

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