सियारी नाला उफनाया, कई गांव में घुसा पानी
संवाद सहयोगी रसूलाबाद क्षेत्र में सियारी नाला अचानक से सोमवार सुबह उफना गया। इससे जहां रस
संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : क्षेत्र में सियारी नाला अचानक से सोमवार सुबह उफना गया। इससे जहां रसूलाबाद-लहरापुर मार्ग डूब गया वहीं देखते ही देखते 12 गांवों में पानी घुस गया। किनारे के घरों के अंदर पानी चला गया है, जिससे सभी बेहद परेशान हो गए हैं। सभी अपना सामान बचाने में जुट गए हैं। वहीं इसी तरह से पानी बढ़ता रहा तो कई गांव से पलायन करना पड़ सकता है। वहीं विभाग औरैया के तरफ किसी नहर के कटने की बात कह रहा, जिससे अचानक पानी बढ़ गया।
सियारी नाले में आसपास के कई नहर व बंबे का पानी आता है। सोमवार सुबह लोग सोकर उठे तो देखा कि नाला उफनाया हुआ था और पानी तेजी से आसपास के गांव की ओर जा रहा था। रसूलाबाद-लहरापुर मार्ग कुछ देर में जलमग्न हो गया और रेलिग तक डूब गई। इस मार्ग पर नाले के ऊपर बनी पुलिया से रोडवेज की चार बसें खतरा मोल लेकर सफर कर रहीं। दिल्ली, औरैया व लखनऊ के लिए बस यहां से गुजरती है और कभी भी हादसा हो सकता है। वहीं आसपास के गांव कठारा, झींगापुरवा, मड़ैया, भीमसेन का पुरवा, शंकरपुर, ताजपुर, महेंद्र नगर, पाल नगर, हाफिजपुर, भारामऊ, रामपुर आदि बुरी तरह से प्रभावित हैं और पानी गांव तक पहुंच गया हैं। इनमें भी मड़ैया, कठारा, झींगापुरवा के गांव में तो घरों के अंदर तक पानी पहुंच गया है। लोग घर खाली करने के लिए मजबूर हो गए हैं। सबसे पहले लोग अपना सामान सुरक्षित ऊंचाई वाले स्थान पर पहुंचा रहें हैं। वहीं लोग यह भी आशंका जता रहे कि पानी कम न हुआ तो बाकी गांव में भी बाढ़ जैसे हालात हो जाएंगे। सुभाष त्रिपाठी, अरविद यादव ,विजय त्रिपाठी, रामकिशोर भदौरिया, सौरभ यादव, मुन्नू यादव, छुन्नू तिवारी, अमित त्रिपाठी एडवोकेट ने बताया कि पानी नाले में बढ़ तो रहा था पर यह पता नहीं था कि यह हाल हो जाएगा। नहर विभाग के सहायक अभियंता आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि सियारी नाला के संपर्क में आने वाली नहर बंद है और सहार रजवहा भी बंद है। औरैया की तरफ से कहीं पानी आ रहा है। आशंका है कि कोई नहर कटी हो जिससे यहां पानी बढ़ गया, इसका पता किया जा रहा है।
सैकड़ों बीघा फसल डूबी
ग्रामीण तो परेशान ही हैं साथ ही फसल भी डूबने से दोहरी चिता हो गई है। धान व बाजारे की फसल पूरी तरह से जलमग्न है और कई दिन तक पानी बना रहा तो सड़ने गलने का डर रहेगा। लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे कि जल्द से जल्द पानी कम हो जाए वरना उनकी मेहनत बेकार हो जाएगी और लागत भी नहीं निकल पाएगी। हजारों बीघा धान की फसल बर्बाद हो गई है।