वाहनों के गुजरने से कांपता अंग्रेजों के समय का जर्जर पुल

संवाद सहयोगी झींझक अंग्रेजों के समय का बना झींझक नहरपुल अब जर्जर होकर कांपने तो लगा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 06:46 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 02:41 AM (IST)
वाहनों के गुजरने से कांपता अंग्रेजों के समय का जर्जर पुल
वाहनों के गुजरने से कांपता अंग्रेजों के समय का जर्जर पुल

संवाद सहयोगी, झींझक : अंग्रेजों के समय का बना झींझक नहरपुल अब जर्जर होकर कांपने तो लगा है, लेकिन भारी वाहनों पर रोक नहीं लग पा रही है। गुजरने पर पुल कांप उठता तो पैदल व वाहनों से गुजर रहे लोगों की सांसें थम सी जाती हैं। जिम्मेदारों की चुप्पी कायम रही तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। सिचाई विभाग के अधिकारियों ने जवाबदेही से बचने के लिए चेतावनी बोर्ड लगा कर खानापूरी कर दी है।

सिकंदरा-रसूलाबाद रोड पर झींझक कस्बे से निकली निचली रामगंगा नहर पुल का निर्माण 1854 को अंग्रेजी शासन काल में कराया गया था। सिचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो पुल की मियाद सौ वर्ष की होती है मगर इस पुल को बने करीब 166 वर्ष हो चुके हैं। बूढ़ा होने के कारण पुल की डाट में दरार पड़ गई है, इसकी जर्जर स्थिति पर हादसे की आशंका व्यक्त कर सिचाई विभाग के अधिकारियों ने चेतावनी बोर्ड लगाकर भारी वाहनों पर रोक लगाने और छोटे वाहनों को धीमी गति से गुजरने की अपील की है। पुल कई वर्ष पूर्व से जर्जर है, लेकिन किसी अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है। वाहनों और कस्बे के लोगों के लिए नहरपुल ही एकमात्र साधन होने के कारण बच्चे, युवा, बुजुर्ग, महिलाएं यहीं से आवागवन करते हैं। पुल से गुजरते वक्त भारी वाहन के गुजरने से पुल कांपने लगता तो पैदल व सवारी वाहनों में सवार लोगों की अनहोनी की आशंका भांप सांसें थम जाती हैं। मानक से 66 वर्ष अधिक की उम्र पूरी कर चुके पुल की जर्जरता को देख लोग किसी भी दिन बड़ा हादसा होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। यहां के निवासियों का आरोप है कि पुल की दयनीय स्थिति को देखते हुए कोई भी जिम्मेदार समाधान के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं। इससे लोगों में नाराजगी है और यह कभी भी फूट सकती है। सहायक अभियंता सिचाई खंड दिबियापुर सतीश कुमार ने बताया कि पुल निर्माण के लिए एस्टीमेट शासन में भेजा गया है धन स्वीकृत होते ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू होगा। जनता के बयान

झींझक नहर पुल अंग्रेजी हुकूमत ने बनवाया था अब ये पूरी तरह जर्जर हो चुका है। स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर आलाधिकारियों तक पुल के नवीनीकरण के लिए गुहार लगाई लेकिन हुआ कुछ नहीं।

रंजन कुशवाहा जैसे-जैसे समय बीतता है पुल की दरार बढ़ती जा रही है। इसके नवीनीकरण के बजाय विभाग चेतावनी बोर्ड लगा रहा है हाल यही रहा तो किसी भी दिन हादसे की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

रवींद्र पालीवाल नहरपुल जर्जर हो चुका है और भारी वाहन रोक के बाद लगातार गुजर रहे हैं, जिससे हादसा हो सकता है ये पुल अगर टूट गया तो एक सैकड़ा गांवों के लोग प्रभावित होंगे। पुल के दोनों तरफ बसे गांवों के लोग झींझक बाजार सामान की खरीदारी करते हैं।

लता तिवारी भारी वाहन पर केवल एक चेतावनी बोर्ड के भरोसे रोक नहीं लग सकती है। भारी वाहन सवार भी मानने को तैयार नहीं हैं। पुल की स्थिति जानने के बावजूद आवागमन जारी रखते हैं।

अशोक सिंह

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