सहेज लो हर बूंद : रामपुर का आदर्श तालाब हो गया बदहाल
संवाद सहयोगी रसूलाबाद जल संरक्षण की जिम्मेदारी शासन प्रशासन के साथ ही आम लोगों की भी है
संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : जल संरक्षण की जिम्मेदारी शासन प्रशासन के साथ ही आम लोगों की भी है, लेकिन अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने के साथ ही लोग भी तालाबों को उजाड़ करने में पीछे नहीं है। भारामऊ के मजरा रामपुर का आदर्श तालाब इसका उदाहरण है। बदहाल हो चुके इस तालाब में पहले बैठने के लिए सीट, बेंच व बाउंड्री तक बनी थी। बाउंड्री टूट चुकी है साथ ही सीट पर आसपास के दुकानदारों ने कब्जा कर लिया है।
भारामऊ के मजरा रामपुर में वर्ष 2009-10 में विशाल तालाब लगभग सवा लाख की लागत से खोदवाया गया था और उसका सुंदरीकरण, आसपास बेंच लगवाने का काम भी किया गया था, लेकिन रखरखाव के अभाव में व ग्रामीणों की उदासीनता के चलते इसके आसपास लगवाई गई लोहे की बेंच अब लोगों की दुकानों की शोभा बढ़ा रही है। आसपास की बाउंड्री को तोड़कर लोगों ने कब्जा करना शुरू कर दिया है। उस समय इसमें नलकूप व रजबहा आदि से पानी भरवा कर इसे सुंदर स्वरूप दिया गया था, लेकिन इस समय यह सूखा पड़ा हुआ है। तत्कालीन ग्राम प्रधान अरविद यादव ने बताया कि उस समय सहार रजबहा और पंपिग सेट के माध्यम से इसमें पानी भरवाया गया था, जिससे गर्मियों में न केवल पालतू मवेशियों को इसका लाभ मिलता था वरन अनेक पशु-पक्षी भी इसमें आकर जल पीते थे। बारिश का पानी इसमें जमा हुआ तो यह लबालब भर गया था। भूगर्भ जलस्तर इससे सही था, लेकिन बदहाली का धीरे-धीरे यह शिकार होता गया। सुबह लोगों के टहलने बैठने के लिए चारों ओर मार्ग व सीट की व्यवस्था की गई थी। आज तालाब अपने दिन बहुरने का इंतजार कर रहा है।