सहेज लो हर बूंद : अधिकारियों का श्रमदान नहीं आया कैलई तालाब के काम
संवाद सहयोगी भोगनीपुर शासन भले ही अभियान चलाकर तालाबों की खोदाई कर जल संरक्षण करने क
संवाद सहयोगी, भोगनीपुर : शासन भले ही अभियान चलाकर तालाबों की खोदाई कर जल संरक्षण करने का प्रयास कर रहा हो, लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों की मनमानी सरकारी अभियान को पलीता लगा रही है। मलासा ब्लॉक के कैलई गांव में वर्ष 2018 में तत्कालीन डीएम सीडीओ ने श्रमदान कर बड़े तालाब की खोदाई कराई थी। इसके बाद से यह सूखा पड़ा है और जल संरक्षण की मुहिम को झटका लग रहा। यहां अब मवेशी चरते हैं तो बच्चे क्रिकेट खेलते हैं।
वर्ष 2018 में पूरे जनपद में मनरेगा योजना के तहत 125 तालाबों को चयनित कर खोदाई करने का लक्ष्य तय किया गया था। इस लक्ष्य के सापेक्ष मलासा ब्लॉक में एक दर्जन तालाबों की खोदाई की जानी थी। योजना के तहत कैलई गांव में 4 अप्रैल 2018 को तत्कालीन डीएम राकेश कुमार सिंह व सीडीओ केदारनाथ सिंह ने गांव के बड़े तालाब में स्वयं श्रमदान कर खोदाई की थी। दोनों अधिकारियों ने स्वयं फावड़ा लेकर मिट्टी की खोदाई करने केसाथ ही सिर पर मिट्टी से भरा तसला रखकर श्रमदान किया था। अधिकारियों ने तालाब की खुदाई कर पानी भरवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण तालाब में पानी नहीं भरवाया गया है। इसके अलावा यहां बारिश का पानी भी जमा नहीं हुआ। इसकी सुध बुध किसी अधिकारी या कर्मचारी ने नहीं ली है और आज इसकी स्थिति खराब हो चुकी है। आज यह मवेशी चराने व खेलकूद के काम आ रहा है और अपने असली मकसद से कोसों दूर है। एडीओ पंचायत हरीओम सक्सेना ने बताया कि कैलई गांव में मनरेगा योजना के तहत खोदाई कराए गए बड़े तालाब में पानी न भराए जाने के बाबत जानकारी नहीं है। शीघ्र ही पंचायत सचिव को निर्देशित कर सूखे पड़े तालाब में पानी भरवाया जाएगा।