हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता कानपुर देहात मंगलपुर थाना क्षेत्र के पल्हनापुर गांव में चोरी का विरोध क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:42 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 06:42 PM (IST)
हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास
हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : मंगलपुर थाना क्षेत्र के पल्हनापुर गांव में चोरी का विरोध करने पर आरोपितों ने महिला की हंसिया मारकर हत्या कर दी थी। घटना में मृतका के पति ने गांव के ही एक युवक समेत दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक निजेंद्र कुमार की कोर्ट में चल रही थी। बचाव व अभियोजन पक्ष को सुनने के बाद न्यायालय ने अभियुक्तों को दोष सिद्ध करते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 25-25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न अदा करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास काटना होगा।

पल्हनापुर गांव में फरवरी 2012 में देररात दो बजे रामभजन के घर में छत के रास्ते चोर घुसे थे। बक्से का ताला तोड़ने के दौरान शांति देवी ने चोरों का विरोध किया तो आरोपितों ने सीने में हंसिया मारकर हत्या कर दी थी। घटना में मृतका के पति रामभजन ने गांव के ही विष्णु प्रताप सिंह उर्फ छोटे व बड़नापुर, गाजीपुर फतेहपुर निवासी गुलाब सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने बताया था कि वह अपने पुत्र के साथ दूसरे मकान में सो रहे थे जबकि पत्नी पुराने मकान में थी। घटना को अंजाम देने के बाद चोर मुख्य दरवाजा खोलकर भागे थे। टार्च की रोशनी में आरोपित विष्णु प्रताप सिंह उर्फ छोटे को ग्रामीणों के साथ ही पीड़ित परिवार ने पहचाना था। आरोपित गुलाब सिंह की गांव में रिश्तेदारी होने से अक्सर ही आना होता था। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश निजेंद्र कुमार की कोर्ट में चल रही थी। न्यायालय ने बचाव व अभियोजन पक्ष को सुनने के बाद आरोपित विष्णु प्रताप उर्फ छोटे व गुलाब सिंह को दोष सिद्ध किया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप पांडेय ने बताया कि हत्या के मामले में दोनों अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, इसके साथ ही 25-25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। वहीं जुर्माने की आधी राशि पीड़ित परिवार को देने का आदेश न्यायालय ने दिया है।

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