सरकारी स्कूलों की हकीकत, चूल्हे में गए नियम, लकड़ियां जलाकर तैयार होता मिडडे मील
सरकारी स्कूलों की हकीकत चूल्हे में गए नियम लकड़ियां जलाकर तैयार होता मिडडे मील
संवाद सहयोगी, भोगनीपुर: केंद्र सरकार भले ही उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को खाना बनाने के लिए निश्शुल्क रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध करा रही हो, लेकिन मलासा ब्लॉक के आधा दर्जन से अधिक विद्यालयों में रसोई गैस कनेक्शन न होने के कारण रसोइयों को चूल्हे में एमडीएम बनाना पड़ रहा है।
मलासा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय फर्जाबाद, गौरानगर, दुलीचंदपुर, देवीपुर व उच्च प्राथमिक विद्यालय घार व गौरानगर आदि विद्यालयों में कई वर्षों से रसोई गैस सिलिडर नहीं है। इसलिए इन विद्यालयों में रसोइयों को चूल्हे में एमडीएम बनाना पड़ रहा है। सोमवार को मलासा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय फर्जाबाद में रसोइया गुड़िया किचन के बरामदे में रखे चूल्हे में लकड़ी से आग जलाकर खाना बना रही थी। चूल्हे से निकलता धुआं रसोइया के आंखों में जाने से वह परेशान नजर आ रही थीं। विद्यालय में मौजूद सहायक अध्यापक योगेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रधानाध्यापक चंद्रपाल सिंह यादव विभागीय कार्य से बीआरसी गए हैं। विद्यालयों में कुल 22 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन पांच वर्ष पूर्व से विद्यालय में एलपीजी गैस कनेक्शन न होने के कारण बच्चों के लिए चूल्हे में लकड़ी जलाकर एमडीएम बनवाना पड़ता है। रसोइया गुड़िया ने बताया कि चूल्हे में खाना बनाते समय लकड़ी जलने से निकला धुआं आंखों में जाने से आंखें खराब हो रही हैं। प्रधानाध्यापक से कई बार गैस सिलिडर दिलवाने का अनुरोध किया गया है, लेकिन एलपीजी गैस कनेक्शन न होने के कारण चूल्हे में एमडीएम बनाना मजबूरी है।
खंड शिक्षा अधिकारी अरुणोदय सचान ने बताया कि ब्लाक के आधा दर्जन विद्यालयों में एमडीएम बनवाने के लिए रसोई गैस कनेक्शन न होने की जानकारी वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को दी गई है। बजट मिलने पर सभी विद्यालयों में एलपीजी गैस के माध्यम से एमडीएम बनवाने की व्यवस्था कराई जाएगी।