कहिजरी की लीला में आज होगा रावण वध

संवाद सहयोगी रसूलाबाद संपूर्ण उत्तर भारत में जहां विजयदशमी के दिन रावण के पुतले के दह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 05:23 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 05:23 PM (IST)
कहिजरी की लीला में आज होगा रावण वध
कहिजरी की लीला में आज होगा रावण वध

संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : संपूर्ण उत्तर भारत में जहां विजयदशमी के दिन रावण के पुतले के दहन किया जाता है और लोग इसे देखने को जुटते हैं वहीं इस परंपरा से हटकर कहिजरी में होने वाली रामलीला में रावण पुतला दहन का कार्यक्रम नहीं होता है। यहां त्रयोदशी को रावण वध लीला का मंचन होता है और पूर्णमासी को राम राज्याभिषेक का कार्यक्रम किया जाता है। ग्रामीण बाल कलाकारों के अभिनीत के जाने वाली यह लीला शारदीय नवरात्र पंचमी को राम वनगमन के साथ शुरू होकर रा मराज्याभिषेक के साथ समाप्त होती है।

शारदीय नवरात्र में जिले में तो रामलीला अन्य क्षेत्रों में होती है, लेकिन वर्षों पुरानी कहिजरी की रामलीला में अन्य क्षेत्रों से हटकर लीला का मंचन क्षेत्रीय बाल एवं युवा कलाकार करते हैं और वह भी रात के बजाय दिन के समय। इसके लिए यह ग्रामीण बाल कलाकार महीनों पहले ही अभ्यास करने लगते हैं। पिछले दो वर्षों से कोरोना की भेंट चढ़ गए कार्यक्रम के इस बार आयोजित होने से लोगों में विशेष उत्साह है। यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि यहां लीला की नींव ऋषियों ने रखी थी। लीला का मंचन चित्रकूट में होने वाली रामलीला के अनुसार होता है। नवरात्र पंचमी को अनुराधा नक्षत्र में यहां की लीला परंपरा से प्रारंभ होती चली जा रही है। रामलीला मंचन के लिए भी यहां पर दशहरा मेला रामादल मैदान वर्षों से निर्धारित है जहां वर्षों पुराना चबूतरा बना हुआ है जिसे अब पक्का कर दिया गया है। कुछ ही दूरी पर रावण दरबार का चबूतरा व मैदान है। बुजुर्ग रामकुमार दीक्षित, अनंतराम तिवरी, प्रताप व कमलाकांत ने बताया कि वह अपने बचपन से ही लीला देखते आ रहे हैं। कभी वह भी रामलीला के पात्र बनते थे। रावण का वध यहां त्रयोदशी को बाल कलाकारों के हाथों से होता है। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष रविकांत शुक्ला एवं महामंत्री अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि पुराने लोगों का मानना था कि रावण विद्वान था और उसका दहन नहीं करना चाहिए, ऐसे में केवल वध लीला ही होती है।

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