महाराष्ट्र के अलावा दूसरे राज्यों से भी गांव लौट रहे लोग

जागरण संवाददाता कानपुर देहात कोरोना का संक्रमण व लॉकडाउन की चर्चाओं के बीच अब आप्र

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 06:18 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 06:18 PM (IST)
महाराष्ट्र के अलावा दूसरे राज्यों से भी गांव लौट रहे लोग
महाराष्ट्र के अलावा दूसरे राज्यों से भी गांव लौट रहे लोग

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : कोरोना का संक्रमण व लॉकडाउन की चर्चाओं के बीच अब आप्रवासी श्रमिकों को रोजी रोटी की चिता सताने लगी है। महाराष्ट्र से तो लोग लौट ही रहे हैं अब दूसरे राज्यों से भी घर गांव की ओर लोग आने लगे हैं। सभी का कहना है कि गांव में आकर कम से कम भोजन की चिता तो नहीं होगी।

महाराष्ट्र के अलावा बाकी जगह संक्रमण की रफ्तार तेज है। खासकर मुंबई या इसके आसपास के जिलों में अधिक है। ट्रेन, बस व निजी साधन से लोग अब लौटने लगे हैं। इसके अलावा दिल्ली, राजस्थान जम्मू से भी पलायन शुरू हो गया है। सभी को अपनी जान व भोजन की चिता है। सोमवार को झींझक स्टेशन पर जम्मू से चलने वाली मुरी एक्सप्रेस से लोग अपने सामान लेकर उतरे। यहां मिले झींझक के श्यामजी ने बताया कि वह जम्मू में ट्रैवल्स की कार चलाते हैं। कोरोना वायरस की मार पड़ी तो लोग आना कम हो गए और धीरे-धीरे काम भी कम मिलने लगा। इस पर मालिक ने वेतन आधा कर दिया था। लगा कि कहीं स्थिति और न खराब हो इसलिए गांव आना सबसे बेहतर है। यहां भोजन पानी की समस्या तो नहीं है। इसी तरह दिल्ली के पास गाजियाबाद के खोड़ा में रहने वाले विश्वजीत ने बताया कि चाट का ठेला वहां पर लगाते हैं। कोरोना संक्रमण के डर से लोगों ने बाहर की चीजें खाना भी कम कर दी है। किसी तरह से दुकान चली थी कि फिर से बीते वर्ष जैसे हाल हो गए। आसपास के लोग वहां संक्रमित भी हो रहे हैं। रात्रिकालीन क‌र्फ्यू चल ही रहा ऐसे में सबसे सुरक्षित जगह अपना घर गांव ही है। उनका कहना है कि उनके जैसे और लोग भी वहां पर है वह भी निकलने की तैयारी में है क्योंकि डर सता रहा कि कहीं लॉकडाउन न लग जाए वरना वहीं फंस जाएंगे। चोरी छिपे पहुंच रहे गांव

दूसरे राज्यों से आने वाले आप्रवासी कामगार चोरी छिपे भी गांव में दाखिल हो रहे हैं। ट्रेन व दूसरे साधन से यहां पहुंचने के बाद चुपचाप घर में दाखिल हो जा रहे और डर सता रहा कि कहीं सरकारी अमले को पता चल गया तो उनकी जांच कराएं या फिर क्वारंटाइन कर दें। ऐसे में शांतिपूर्वक यह लोग गांव जा रहे वहीं गांव के पूर्व प्रधान व बाकी लोग भी चुनावी माहौल में इनकी जानकारी पुलिस प्रशासन को नहीं दे रहे कि कहीं उनका वोट न कट जाए।

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