स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से बढ़े थे मरीज
जागरण संवाददाता कानपुर देहात कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य विभाग की
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था से मरीजों को जहां इलाज नहीं मिला था तो संख्या में भी इजाफा हुआ था। संक्रमित व्यक्ति को ज्यादातर होम आइसोलेट किया गया था। पहली लहर में जहां संक्रमित व्यक्ति मिलने पर संबंधित स्थान को सील कर सैनिटाइज किया जाता था, वहीं दूसरी लहर में इसकी अनदेखी की गई, जो संक्रमण की बड़ी वजह बना। इसके अलावा निगरानी समिति ने शुरूआत में सही ढंग से काम नहीं किया और अधिकारी भी इनकी सुस्ती से परेशान रहे।
कोरोना काल में 76 लोगों की संक्रमण से मौत हो गई थी। वहीं वास्तव में इससे ज्यादा लोग मौत के शिकार हुए, जो सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं हो सके। विभाग की ओर से जिले में 6,14,806 लोगों की आरटीपीसीआर जांच की गई, जिसमें 5885 लोग संक्रमित निकले थे। इसमें 4229 लोगों को होम आइसोलेट किया गया था, लेकिन दूसरी लहर में जिले की 60-70 फीसद आबादी संक्रमण से प्रभावित हुई थी। अप्रैल व मई माह में जिले के हालात बदतर हो गए थे। अस्पतालों में बेड के साथ ही आक्सीजन व दवाएं तक लोगों को नहीं मिल पा रही थी। कोरोना अस्पताल में तीमारदार बेरोकटोक घुस जा रहे थे और जिला अस्पताल परिसर में ही घूमा करते थे। उनका कहना था कि कर्मचारी सही से ड्यूटी नहीं निभाते। इससे भी संक्रमण बढ़ा था। वहीं आक्सीजन के लिए लोगों को गैर जनपद में भटकना पड़ रहा था।
पहली लहर में संक्रमित व्यक्ति मिलने पर संबंधित स्थान को सील कर दिया जाता था, साथ ही होमगार्ड व सिपाही की तैनाती निगरानी को की जाती थी, लेकिन दूसरी लहर में संसाधनों के अभाव में ऐसा नहीं किया गया। अधिकांश मरीजों को होम आइसोलेट किया गया। संक्रमण बढ़ने की प्रमुख वजह यह भी बना था।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके सिंह ने बताया कि संक्रमण से बचाव के लिए विभाग की ओर से विशेष सतर्कता बरती जा रही है। आक्सीजन प्लांट के साथ ही दवाओं की उपलब्धता को लेकर भी कार्य किया जा रहा है।