एंबुलेंस न मिलने से परेशान हुए मरीज

जागरण संवाददाता कानपुर देहात एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल का खामियाजा मरीजों को उठाना

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 08:45 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 08:45 PM (IST)
एंबुलेंस न मिलने से परेशान हुए मरीज
एंबुलेंस न मिलने से परेशान हुए मरीज

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ा। फोन पर एंबुलेंस न पहुंचने से गंभीर मरीज निजी वाहनों से जिला अस्पताल पहुंचे। वहीं जिला अस्पताल से रेफर मरीजों को वाहन नहीं मिल सके, जिससे उन्हें समस्याओं से जूझना पड़ा। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों को समस्या अवगत कराने के बाद भी उनकी ओर से भी उदासीनता बरती गई। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सोमवार को जिला महिला व पुरुष अस्पताल में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं इमरजेंसी वार्ड से जो मरीज रेफर भी कर दिए गए उन्हें भी वाहन न मिलने पर परेशानी हुई।

केस - 1

रूरा के ललपुरवा निवासी शिवांगी को प्रसव पीड़ा होने पर पति दीपक कुमार ने एंबुलेंस को फोन किया। इस पर उन्हें वाहन उपलब्ध न होने का संदेश दिया गया। उन्होंने बताया कि कुछ देर इंतजार के बाद भी वाहन नहीं पहुंचा जबकि पत्नी को प्रसव पीड़ा लगातार बढ़ रही थी। इस पर आनन फानन में किराये पर वाहन लेकर पत्नी को जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। इससे परेशानी का सामना करना पड़ा जबकि रास्ते में अनहोनी का डर भी सताता रहा। केस -2

अकबरपुर कस्बा निवासी सुशील कुमार मार्ग दुर्घटना में घायल हो गए थे।

स्थानीय लोगों की ओर से एंबुलेंस के नंबर के साथ ही स्वजन को भी फोन किया गया। इंतजार के बाद भी एंबुलेंस उपलब्ध न होने पर स्वजन ने घायल को निजी वाहन से जिला अस्पताल में भर्ती कराया। किराया भी निजी वाहन ने अधिक वसूला। केस -3

जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती निशा पत्नी स्व. परशुराम के भाई गौतम ने बताया कि बहन को फेफड़े में परेशानी थी, जिस पर चिकित्सक ने कानपुर रेफर कर दिया। एंबुलेंस न होने के कारण जिला अस्पताल से कानपुर पहुंचने की समस्या है। वहीं निजी वाहन से ले जाने पर रास्ते में अनहोनी का डर भी सता रहा है। इसी प्रकार टकटौली निवासी राकेश, मूसानगर कछगांव निवासी बृजेश सिंह व अमराहट के छठपारा निवासी अरविद को भी जिला अस्पताल से रेफर कर दिया गया, लेकिन वाहन न मिलने पर उनके स्वजन अस्पताल के बाहर भटकते रहे।

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