सीएचसी-पीएचसी में परेशान हुए मरीज, आटो-टेंपो बने सहारा
संवाद सहयोगी झींझक सीएचसी पीएचसी में दूरदराज से आने वाले मरीज व प्रसूताओं को परेशान ह
संवाद सहयोगी, झींझक : सीएचसी पीएचसी में दूरदराज से आने वाले मरीज व प्रसूताओं को परेशान होना पड़ा। एंबुलेंस न मिलने पर किसी तरह से आटो, टेंपो व ई रिक्शा में लेकर मरीज गए। इस दौरान कुछ भी तबीयत भी ज्यादा बिगड़ गई।
झींझक कस्बा के लोहिया नगर निवासी इंदल की 14 वर्षीय पुत्री वंदना को उल्टी हो रही थी और हालत खराब थी। निजी अस्पताल से उसे झींझक सीएचसी लाया गया। यहां से जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। उसका भाई राहुल एंबुलेंस के लिए फोन करता रहा पर बताया गया कि हड़ताल है। इधर-उधर भी तलाश पर कोई एंबुलेंस न होने पर लोगों ने उसे निजी साधन से जल्द जिला अस्पताल जाने को कहा। आटो उसने किया और उससे लेकर जिला अस्पताल गया। डाक्टर आरकुमार ने बताया कि किशोरी हालत गंभीर थी इसलिए रेफर किया। उधर, सीएचसी पुखरायां में भी लोग एंबुलेंस के लिए परेशान नजर आए। प्रसव के लिए आई भोगनीपुर की पूनम, सुजगवां गांव की रचना देवी, बरौली की साजिया, हलधरपुर की शहनाज, दुरौली की प्रियंका, चौरा की शबनम प्रसूताओं ने बताया कि कई बार फोन करने के बाद भी चालक एंबुलेंस लेकर अस्पताल नहीं आए, मजबूरन हम लोगों को नौनिहालों के साथ आटो व टेंपो से अपने घर जाना पड़ा। अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती सिथराखुर्द की रामवती के नाती शिवम ने बताया कि दादी की तबीयत अधिक खराब होने के कारण इमरजेंसी चिकित्सक ने जिला अस्पताल रेफर किया है, लेकिन एंबुलेंस चालकों के हड़ताल होने के कारण दादी को टेंपो से लेकर जा रहे। रुपये भी वह लोग ज्यादा ले रहे। सीएचसी पुखरायां के अधीक्षक डा. अनूप कुमार ने बताया कि एंबुलेंस चालकों के हड़ताल के चलते अस्पताल आए गंभीर मरीजों व प्रसूताओं को अपने निजी साधनों से आवागमन करना पड़ा।