कोरोना काल में अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मिलेगा लाभ

जागरण संवाददाता कानपुर देहात कोरोना काल में महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 06:11 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 06:11 PM (IST)
कोरोना काल में अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मिलेगा लाभ
कोरोना काल में अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मिलेगा लाभ

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : कोरोना काल में महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिया जाएगा। विद्यालय में प्रवेश कराने के साथ ही देखभाल के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। इसके लिए उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिला न्यायाधीश अनिल कुमार झा ने जिले में प्राधिकरण की सचिव को निर्देश दिए हैं।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव साक्षी गर्ग ने बताया कि कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ किया गया है। योजना में नवजात से 18 वर्ष के बच्चे शामिल किए जाएंगे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना महामारी से हो गई है या माता-पिता में से एक की मृत्यु मार्च 2020 से पहले हो गई थी। दूसरे की मृत्यु कोरोना काल में हो गई अथवा दोनों की मृत्यु 1 मार्च 2020 से पहले हो गई थी और वैध संरक्षण की मृत्यु कोरोना काल में हो गई। इसके अलावा नवजात से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोरोना काल में हो गई और वह परिवार का मुख्य कर्ताधर्ता हो और वर्तमान में जीवित में माता-पिता सहित परिवार की आय दो लाख रुपये से अधिक न हो, ऐसे लोगों को योजना में शामिल किया जाएगा। नवजात से 10 वर्ष के बच्चों के वैध संरक्षण के बैंक खाते में चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इसके साथ ही यह शर्त होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चों को पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। समय से टीकाकरण कराया गया है और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो। इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हों और बाल कल्याण समिति के आदेश विभाग के तहत बाल देखभाल संस्थाओं में आवासित कराए गए हों, उनका कक्षा 06 से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा। 11 से 18 वर्ष तक के बच्चों की कक्षा 12 तक की निश्शुल्क शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा। ऐसे वैध संरक्षक को तीन माह अवकाश अवधि के लिए बच्चों की देखभाल के लिए प्रतिमाह चार हजार रुपये की दर से 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष खाते में दिए जाएंगे। यह राशि कक्षा 12 तक अथवा 18 वर्ष की आयु जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जाएगी। यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हैं तो बच्चों की देख- रेख और पढ़ाई के लिए उनको 18 वर्ष का होने तक कक्षा 12 की शिक्षा पूरी होने तक चार हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी, लेकिन बच्चे को मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। योजना के तहत चिह्नित बालिकाओं के शादी को योग्य होने तक शादी के लिए 101000 रुपये भी दिए जाएंगे।

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