मानक ताक पर ..सड़क पर 'यमदूत'

जागरण संवाददाता कानपुर देहात जिले के ग्रामीण ही नहीं कस्बा क्षेत्रों में भी अधिकांश वाहन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 08:00 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 08:00 PM (IST)
मानक ताक पर ..सड़क पर 'यमदूत'
मानक ताक पर ..सड़क पर 'यमदूत'

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जिले के ग्रामीण ही नहीं कस्बा क्षेत्रों में भी अधिकांश वाहन यातायात नियमों की अनदेखी कर सड़कों पर यमदूत की तरह दौड़ रहे हैं। परिवहन विभाग की ओर से वाहनों के दुरुस्तीकरण की जांच को फिटनेस की व्यवस्था है, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से नियमों की अनदेखी की जा रही है।

कॉमर्शियल वाहनों के दुरुस्तीकरण के लिए परिवहन विभाग की ओर से फिटनेस की व्यवस्था की गई है। इसके लिए विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण कराना होता है, जिसके बाद स्लाट मिलने पर वाहन की फिटनेस जांच की जाती है। परिवहन विभाग की ओर से इसके लिए निश्चित मानक व फीस भी तय है, जिसमें बस, ट्रैक्टर सहित अन्य बड़े वाहन के 800 व आठ सीट वाले वाहन के लिए 600 रुपये की फीस कटती है।

कार्यालय परिसर में फिटनेस जांच के लिए पहुंचने वाले वाहन की स्थिति, स्टेयरिग, क्लच गियर बॉक्स, इंजन, वाहन की ऊंचाई, लंबाई, बैट्री के तार, आगे-पीछे की लाइट, स्पीड मीटर, रेडियोरिफलेक्टिग टेप सहित अन्य की जांच की जाती है। प्रति माह 600-650 वाहनों की फिटनेस जांच की जा रही है, जिसमें एक वाहन की जांच में करीब आधे घंटे से अधिक का समय लगता है, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से विभाग के कर्मचारी इसे 5-10 मिनट में ही पूरा कर रहे हैं। स्थिति यह है कि अधिकांश वाहनों में स्पीड मीटर कार्य ही नहीं कर रहा है। इसके बाद भी सड़कों पर वह फर्राटा भर रहे हैं। इसका खामियाजा आमजन को उठाना पड़ रहा है। मानक पूरा किए बिना फर्राटा भरते वाहनों से सड़क हादसों की वजह बन रहे हैं। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो की संख्या भी बढ़ रही है। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो मौजूदा वर्ष में 433 सड़क दुर्घटनाओं में 233 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। संभागीय परिवहन निरीक्षक सतेंद्र कुमार ने बताया कि वाहनों के फिटनेस के दौरान सभी मानकों की जांच की जाती है। इसके बाद ही उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाता है।

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