जलापूर्ति शुरू होते ही खराब हुई मोटर, राजपुर में पेयजल संकट
संवाद सहयोगी सिकंदरा राजपुर में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है और जनता परेशा
संवाद सहयोगी, सिकंदरा : राजपुर में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है और जनता परेशान है। कई दिनों के बाद मरम्मत के बाद जलापूर्ति शुरू हुई थी कि मोटर खराब हो गई। गर्मी के मौसम में विभागीय लापरवाही से लोग सात दिन से पेयजल संकट से जूझ रहे और हैंडपंप के सहारे पानी की जरूरत को पूरा कर रहे हैं।
राजपुर कस्बे के ब्लाक परिसर मैदान के अंदर लोगों के पेयजल सुविधा के लिए वर्ष 1980 में जल निगम की ओर से यहां पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। जल आपूर्ति के लिए कस्बे के अलावा जैनपुर पैलावर सहित जुड़ी आबादी को भी इसका लाभ पाने के लिए जोड़ा गया था, लेकिन कुछ समय सही चलने के बाद आए दिन इसकी खराब रहने से सही से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। दो में से एक ही नलकूप से ही पानी दिया जा रहा है। वह भी सात दिन पहले नलकूप का वाल्व खराब होने से पानी आपूर्ति बंद हो गई। मंगलवार शाम को किसी तरह से इसकी मरम्मत हुई थी और देर शाम को जैसे ही पेयजल आपूर्ति शुरू कराई गई ठीक 15 मिनट चलने के बाद ही नलकूप का मोटर जल गया। इससे पानी आने की आस लगाए लोग उदास हो गए। लोगों का कहना है कि हम सभी परेशान हैं पर विभाग पता नहीं क्या कर रहा है। जल निगम के जेई विजय यादव ने बताया कि मोटर जल गई। इसकी मरम्मत की जा रही है।
क्या कहते हैं लोग
- टंकी के नलकूप या मोटर खराब होने की समस्या वैसे तो आम बात हो गई है यहां आपूर्ति अक्सर खराब रहती है पेयजल आपूर्ति किसी दिन होती है तो किसी दिन ठप रहती है लेकिन इस बार हफ्ते भर का समय बीतने के बाद भी विभागीय विभागीय जिम्मेदारों की नींद नहीं खुली है।-प्रियंका -अक्सर मोटर खराब या वाल्व खराब अन्य कोई खराबी होने पर केवल मरम्मत कराई जाती है। नये उपकरण नहीं दिए जाते हैं, जिससे समस्या सही से हल हो सके और जनता को लाभ मिले।- ओमनारायण गुप्ता -जलापूर्ति ठप होने पर विभागीय कर्मी शीघ्र ही व्यवस्था ठीक करके जलापूर्ति बहाल करने की बात करते हैं और एक सप्ताह हो गया हम लोग परेशान हैं। विभाग लगातार लापरवाही बरत रहा है।-रिकू सोनी - समस्या होने पर विभागीय जिम्मेदारों के फोन नहीं उठते हैं और लोगों की समस्या न समझते हुए मनमाने तरीके से ही काम करते हैं। एक सप्ताह मरम्मत हुई और दूसरी समस्या आ गई। धरना प्रदर्शन को हम लोग मजबूर होंगे। वसीम अहमद