कर्मियों की कमी और सुविधाओं का अभाव, 24 घंटे पोस्टमार्टम में समस्या
जागरण संवाददाता कानपुर देहात लोगों की सहूलियत के लिए केंद्र सरकार की ओर से भले ही
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : लोगों की सहूलियत के लिए केंद्र सरकार की ओर से भले ही 24 घंटे पोस्टमार्टम कराने की घोषणा कर दी गई हो मगर व्यवस्था जिले में नाकाफी है। कर्मचारियों की जहां कमी है वहीं फ्रीजर खराब होने संग मार्गप्रकाश व पेयजल की भी समस्या है। वहीं स्वास्थ्य विभाग अभी आदेश और उसी हिसाब से सुविधाओं व आवास निर्माण की बात कह रहा है।
पुरानी व्यवस्था के तहत शव के परीक्षण को लेकर पोस्टमार्टम करने का समय निर्धारित है। सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है। ऐसे में कई बार समय सीमा में बंधी व्यवस्था का खामियाजा मृतक के स्वजन उठाते हैं। एक तरफ जहां अपने को खोने का गम होता है, वहीं भूखे प्यासे लंबे समय तक रहना पड़ता है। हालांकि विशेष मामलों में डीएम की अनुमति के बाद ही पोस्टमार्टम किए जाते हैं, लेकिन ज्यादातर सूर्यास्त के पहले ही पोस्टमार्टम होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार का फैसला राहत भरा है, लेकिन फिलहाल जिले में व्यवस्था खराब है। यहां पोस्टमार्टम हाउस में सात कर्मी तैनात थे। नवीनीकरण न होने से दो ही रह गए हैं। बाकी डाक्टरों की ड्यूटी अलग-अलग लगती है। रात में ड्यूटी पर रहने के लिए आवास नहीं बने हैं। छह फ्रीजर में तीन खराब पड़े हैं। पीने के लिए शुद्ध पानी और प्रकाश की व्यवस्था नहीं है, आधी अधूरी व्यवस्थाओं के साथ जिले में 24 घंटे पोस्टमार्टम होना संभव नहीं है। सीएमओ डा. एके सिंह ने बताया कि केंद्र स्तर पर 24 घंटे पोस्टमार्टम की घोषणा की गई है प्रदेश सरकार से अभी उन्हें कोई निर्देश नहीं मिले हैं। शासन से गाइडलाइन मिलने के बाद तैयारियां की जाएंगी और सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
सूर्यास्त के बाद नहीं हुआ पोस्टमार्टम
आदेश व गाइडलाइन न आने से मंगलवार व बुधवार दोनों दिन सूर्यास्त के बाद कोई पोस्टमार्टम जिले में नहीं किया गया।