जागरण प्रश्न पहर : सिलिडर लीकेज होने पर दरवाजे-खिड़की खोल दें

जागरण संवाददाता कानपुर देहात सिलिडर लीकेज से आग लग जाए तो घबराएं नहीं। साहस व धैर्य स

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 04:39 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 04:39 PM (IST)
जागरण प्रश्न पहर : सिलिडर लीकेज होने पर दरवाजे-खिड़की खोल दें
जागरण प्रश्न पहर : सिलिडर लीकेज होने पर दरवाजे-खिड़की खोल दें

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : सिलिडर लीकेज से आग लग जाए तो घबराएं नहीं। साहस व धैर्य से काम लें। बालू, कंबल या फिर गीले बोरे से सिलिडर पर प्रहार कर आग को बुझा दें। यह बातें मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहीं। वह बुधवार को दैनिक जागरण कार्यालय में पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। - सिलिडर लीकेज होने पर क्या करना चाहिए- राजव‌र्द्धन सिंह, नोनारी

-सिलिडर लीकेज हो तो सबसे पहले दरवाजे व खिड़की को खोल दें। इसके अलावा बिजली बोर्ड का स्विच या फिर माचिस न जलाएं। सिलिडर को रेगुलेटर से बंद कर देना चाहिए। सभी को आइएसआइ मार्का पाइप का ही इस्तेमाल करना चाहिए यह सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी होता है।

- मेरी कपड़े की दुकान है तो आखिर कौन सा अग्निशमन यंत्र बेहतर होगा। - वीरेंद्र कुमार, अकबरपुर

कपड़ों की दुकान में बिजली कनेक्शन भी होते हैं इसलिए शार्ट सर्किट का खतरा हो सकता है। एबीसी फायर अग्निशमन यंत्र सिलिडर सबसे बेहतर है, इसके अलावा ओमेक्स का भी ले सकते हैं। ध्यान रहे कि 6 किलो से ऊपर के सिलिडर ज्यादा सही रहेंगे। - फायर एनओसी लेने के लिए क्या प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। - अजय, रूरा व सुंदर रनियां

- फायर एनओसी के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया है। अगर अस्पताल या किसी उद्योग के लिए एनओसी चाहिए तो निवेशमित्र बाकी के लिए यूपी फायर सर्विस पर जाकर आवेदन करें। यह आवेदन हमारे कार्यालय पर प्राप्त होगा और आपके यहां क्षेत्रीय अग्निशमन कार्यालय से कर्मचारी जाएंगे। सर्वे करने पर सब कुछ सही मिलेगा तो एनओसी जारी कर दी जाएगी। - सिलिडर में आग लग जाए तो क्या करना चाहिए। - रजनी, अकबरपुर

- सिलिडर में आग लगने पर कंबल, बालू या गीले बोरे से प्रहार कर आग बुझाएं। इसके अलावा खिड़की दरवाजे बंद कर दें, जिससे ऑक्सीजन की मात्रा कम हो। इसके अलावा ध्यान रखें कि खाना बनाते समय ज्यादा ढीले कपड़े न पहनें व पानी भरी बाल्टी जरूर पास में रखें। - आग लग जाने पर धुएं व लपटों से बचाव का क्या तरीका अपनाया जाए- सुशील कटियार, रसूलाबाद, अजीत शिवली - आग लगने व धुआं होने पर कोशिश करें कि जहां से भागने का रास्ता हो वहां तक घुटने के बल या लेटकर जाएं क्योंकि यहां पर धुएं की मात्रा कम होगी। मुंह को ढके व किसी बड़े कपड़े से ऊपर लहराएं इससे भी धुआं छंटेगा। शोर मचाएं, जिससे आसपास के लोग मदद कर सकें व साहस और धैर्य बनाकर रखें।

chat bot
आपका साथी