जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी होगा काबिज

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By JagranEdited By: Publish:Sat, 03 Jul 2021 08:49 PM (IST) Updated:Sat, 03 Jul 2021 08:49 PM (IST)
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी होगा काबिज
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी होगा काबिज

अंकित त्रिपाठी, कानपुर देहात

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की शुरूआत से ही जिला पंचायत पर सपा का परचम लहराया है जबकि 20 वर्षों से तो लगातार सपा का प्रत्याशी ही अध्यक्ष पद पर काबिज रहा। यह पहला मौका होगा जब जिले से निर्दलीय प्रत्याशी अध्यक्ष पद पर काबिज होगा, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी होने के बाद भी जिले के दिग्गज भाजपाइयों का साथ सांसद की बहू को मिला और उन्होंने एकतरफा जीत हासिल की।

वर्ष 1992 से लागू हुई पंचायती राज व्यवस्था में 1995 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें पहली बार समाजवादी पार्टी से भूपेंद्र सिंह सचान जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। हालांकि कुछ दिन बाद ही आरोपों के चलते उन्हें पद मुक्त होना पड़ा और जिला पंचायत की जिम्मेदारी प्रह्लाद सिंह के नेतृत्व में संचालन समिति को सौंपी गई। वर्ष 2000 में समाजवादी पार्टी से कन्हैया लाल कठेरिया अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए। वहीं वर्ष 2006 में कल्लू यादव की पत्नी मिथलेश यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद वर्ष 2011 में राम सिंह यादव की पत्नी उर्मिला यादव व 2016 में राम सिंह यादव स्वयं अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए। पिछले 20 वर्षों से लगातार अध्यक्ष पद पर काबिज रही सपा की पहली बार जिला पंचायत पर पकड़ ढीली हुई जिसका फायदा निर्दलीय प्रत्याशी नीरज रानी को मिला। वहीं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पूर्व वर्ष 1989 से 1995 की बात करें तो इस दौरान राम नरायण त्रिपाठी, राजेंद्र सिंह चौहान, सूरज प्रसाद कटियार का मनोनयन जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में जरूर हुआ, लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शुरू होने के बाद यह पहला अवसर है कि निर्दलीय प्रत्याशी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है।

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