कितनी रातें काटी जगकर, खुद को समझाने में..

संवाद सहयोगी भोगनीपुर मलासा ब्लाक के उमरिया गांव के पास स्थित परचंदा बाबा धाम परिसर में श्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:26 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:26 PM (IST)
कितनी रातें काटी जगकर, खुद को समझाने में..
कितनी रातें काटी जगकर, खुद को समझाने में..

संवाद सहयोगी, भोगनीपुर : मलासा ब्लाक के उमरिया गांव के पास स्थित परचंदा बाबा धाम परिसर में शुक्रवार की रात आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने आकर्षक रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कविताएं सुनने के लिए श्रोता रात भर कवि सम्मेलन में डटे रहे।

कवि सम्मेलन की शुरुआत उरई जालौन से आई श्रृंगार रस की कवियित्री रुचि बाजपेयी ने मां शारदे की वंदना से की। कवयित्री ने सुनाया, ओ मईया शारदे सब पर कृपा कर देना, सभी काव्य में सुंदर सलोने भाव भरदेना, सदा ही लोकहित में लेखनी चलती रहे मइया, देना सत्य के पथ पर चलने का भाव भर देना सुनाकर तालियां बटोरी। उन्होंने जाने कितने तड़पे हम एक झलक पाने में, कितनी रातें काटी जगकर खुद को समझाने में गीत सुनाकर लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। वरिष्ठ कवि संजीव कुलश्रेष्ठ ने कोई उम्मीद पलती है, कोई सपना मचलता है, लड़ा हालात से जो कल, वही आगे निकलता है गीत सुनाकर वाहवाही लूटी। कवि रामसेवक वर्मा ने भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए सुनाया भ्रष्टाचार है पांव पसारे मेरे देश में, घर-घर में है बैठा दानव हर एक भेष में हास्य व्यंग सुनाकर तालियां बटोरीं। कानपुर से आई कवियित्री रजनी त्रिपाठी ने कभी-कभी यूं कितनी उदास है जिदगी, जो कभी बुझ न सकेगी, वह प्यास है जिदगी गीत सुनाकर वाहवाही लूटी। कवि सम्मेलन में पंकज यादव, धर्मेंद्र यादव, नरेश यादव, बाबू सिंह यादव, छुन्ना यादव मौजूद रहे।

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