चिकित्सकों व स्टाफ की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग
जागरण संवाददाता कानपुर देहात संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में स्
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर की जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से संसाधन, दवाओं की उपलब्धता बेहतर होने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जिले का स्वास्थ्य विभाग कर्मियों के अभाव से जूझ रहा है। सीएचसी
पीएचसी के साथ ही जिले में 150 के सापेक्ष 110 चिकित्सक कार्यरत हैं। वहीं करीब 30 फीसद स्टाफ भी कम है। ऐसे में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलना बेमानी से प्रतीत होता है।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जनपद वासियों को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। आक्सीजन की उपलब्धता न होने के साथ ही दवाओं के लिए भी लोगों को संघर्ष करना पड़ा। सरकारी अस्पतालों में उपचार न मिलने पर लोगों ने न चाहते हुए निजी अस्पतालों की शरण ली, लेकिन वहां भी उनकी मजबूरी का
फायदा उठाया गया। अब संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के दावे किए जा रहे हैं। इसमें आक्सीजन प्लांट, दवा की उपलब्धता के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में संक्रमण से प्रभावित लोगों के लिए अलग से बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन जिले का स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों के अभाव से जूझ रहा है। जिले में 150 चिकित्सकों के सापेक्ष 110 ही कार्य कर रहे हैं।
रसूलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सात के सापेक्ष चार चिकित्सक ही कार्यरत हैं। वहीं झींझक में सात के सापेक्ष छह मौजूद हैं। वहीं सलेमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच चिकित्सकों के स्थान पर एक की
तैनाती है जबकि रूरा सीएचसी में छह के सापेक्ष दो चिकित्सक कार्यरत हैं। वहीं जिले में 15 स्पेशलिस्ट चिकित्सक ही मौजूद हैं। ऐसे में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की उम्मीद लगाना बेमानी सा प्रतीत होता है। मुख्य
चिकित्साधिकारी डा. एके सिंह बताते हैं कि स्टाफ के लिए शासन में पत्राचार किया गया है। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक
सीएचसी स्वीकृत मौजूद
रसूलाबाद 7 4
झींझक 7 6
संदलपुर 7 6
डेरापुर 8 7
सिकंदरा 5 5
सलेमपुर 5 1
पुखरायां 6 6
देवीपुर 5 4
अकबरपुर 7 7
रूरा 6 2
गजनेर 6 5
शिवली 5 5