घाटमपुर में बाढ़ जैसे हालात, नाराज जनता ने लगाया जाम

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By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 12:30 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 12:30 AM (IST)
घाटमपुर में बाढ़ जैसे हालात, नाराज जनता ने लगाया जाम
घाटमपुर में बाढ़ जैसे हालात, नाराज जनता ने लगाया जाम

संवाद सहयोगी, घाटमपुर : लगातार 18 घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश से घाटमपुर क्षेत्र के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। कस्बा सालों बाद इतने भीषण जलभराव से जूझ रहा है। गली-मोहल्ला, हाईवे, खेत सब कुछ तालाब की शक्ल में नजर आने लगा है। कई गांव भी जलमग्न हो गए। घरों में पानी घुसने से सैकड़ों परिवारों को पलायन करना पड़ा। नाराज लोगों ने घाटमपुर के मुख्य चौराहे और कानपुर-सागर हाईवे पर चंद्रभाल अस्पताल के सामने जाम लगा दिया। एसडीएम, नगर पालिका ईओ, सीओ, इंस्पेक्टर व विधायक के पहुंचने और समस्या दूर करने का आश्वासन देने पर करीब आठ घंटे बाद जाम खोला गया। सुबह छह बजे से लगा जाम दोपहर दो बजे तक रहा। मुगल रोड और कानपुर-सागर हाईवे पर 10-10 किमी जाम लगा रहा। लोगों ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की।

आक्रोशित लोगों का कहना है कि घाटमपुर की सबसे बड़ी समस्या जलनिकासी की है। 1994 में इसी वजह से घाटमपुर में बाढ़ आई थी। इसी को मुद्दा बनाकर नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा जाता है। हर चुनाव में यह मुख्य मुद्दा बनता है। लेकिन, लापरवाही के चलते कभी इस पर काम नहीं हुआ। गुरुवार को सुबह नौ बजे से मूसलाधार बारिश शुरू हुई थी जो शुक्रवार भोर पहर तक जारी रही। इसके चलते घाटमपुर में जवाहर नगर, कूष्मांडा नगर, बसंत विहार पश्चिमी, नौबस्ता पश्चिमी, आछी मोहाल पूर्वी, अशोक नगर दक्षिणी, शिवपुरी, कजियाना, स्टेशन रोड, पुराना अस्पताल रोड, पोस्ट आफिस रोड आदि सभी जगहों पर पानी भर गया। घरों में पानी घुसने से गृहस्थी बर्बाद हो गई और दुकानों में घुसने से व्यापारियों का माल। गुरुवार सारी रात लोग घरों में जागते रहे और घर के अंदर भरा पानी बाल्टी से बाहर फेंकते रहे। घरों में टांग तक पानी भर गया।

शुक्रवार सुबह होते ही आक्रोशित लोगों ने कानपुर-सागर हाईवे और मुख्य चौराहे पर जाम लगा दिया। नगर पालिका ईओ उमेश मिश्रा पहुंचे तो लोगों ने उन्हें घेर लिया। घर तबाह होने से कई परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल था। ऐसे में ईओ ने जहानाबाद रोड पर नौ सालों से निर्माणाधीन आसरा आवास को लोगों के लिए खोल दिया। नगर पालिका के लोडरों और ट्रैक्टरों के जरिए ऐसे परिवारों को वहां पहुंचाया गया। नाराज लोगों ने विधायक उपेंद्र पासवान, एसडीएम अरुण कुमार श्रीवास्तव और सीओ पवन गौतम को भी घेरकर नारेबाजी की। करीब आठ घंटे बाद जब कानपुर-सागर हाईवे और मुख्य चौराहे का जाम खोला गया तो ग्रामीणों ने मूसानगर रोड पर राहा मोड़ के पास जाम लगा दिया।

रेलवे ट्रैक की पुलिया खोलकर निकाला गया पानी

पानी की अस्थाई निकासी के लिए एसडीएम, विधायक आदि ने मौके पर जाकर रेलवे ट्रैक की तीन पुलिया खुलवाईं। इसके बाद कानपुर रोड का भरा पानी निकलना शुरू हुआ। शुरुआत में रेलवे के अधिकारियों ने पुलिया खोलने से मना कर दिया था। लेकिन, स्थिति की भयावहता देखते हुए आखिर में उन्होंने पुलिया खोलकर पानी निकासी करवाई। इसके बाद ही नाराज लोगों ने जाम खोला।

बिजली और पीने के पानी का भी संकट पिछले 30 घंटे से ज्यादा समय से बिजली और पीने के पानी की सप्लाई भी ठप है। बिजली स्टेशन में पानी भरने से मशीने डूब गईं। पानी घटा को हीटर मंगाकर उन्हें सुखा करके बिजली पहुंचाने की कोशिश हुई, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। घरों में बरसात का गंदा पानी भरा हुआ है। पीने के पानी की सप्लाई न होने से लोग परेशान हैं। घरों में पानी भरने से कई परिवारों में खाना भी नहीं बना। ऐसे में प्रशासन की तरफ से किसी के खाने का इंतजाम भी नहीं कराया गया। लोग दिनभर पानी निकालते रहे।

गांवों में जलभराव, कई घरों की छत गिरी

घाटमपुर क्षेत्र के साथ ही पतारा और भीतरगांव क्षेत्र के भी कई गांव जलमग्न हो गए। भीतरगांव के पसेमा गांव में रामेंद्र शुक्ला के कच्चे मकान की छत गिर गई। परिवार के सदस्य तो बच गए, लेकिन गृहस्थी का काफी नुकसान हुआ। पतारा क्षेत्र के बलाहपारा कला गांव निवासी दया नारायण शर्मा, राजू सिंह, माया देवी और गोधन कश्यप के कच्चे घर ढह गए। इसी तरह फैजुल्लापुर (उमरी) निवासी अमरदीप प्रजापति, भेलसा निवासी शान्त कुमार, कुम्हउपुर निवासी राजू कुशवाहा की छत गिरने के काफी नुकसान झेलना पड़ा। भदरस में रामबाबू पाशी, रामू कहार और राजेपुर में गोविद मुनिया के कच्चे घर भी गिर पड़े। मूसलाधार बारिश से गुच्चूपुर, फरीदपुर, गोपालपुर, वीरपुर, भदरस, राहा, जलाला, शीतलपुर आदि कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए।

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फिलहाल रेलवे ट्रैक की तीन पुलियों को खोला कर पानी की निकासी की जा रही है। समस्या के स्थायी समाधान के लिए मैंने विधानसभा के पिछले सत्र में आवाज उठाई थी। आगे के सत्र में जोरदार तरीके से आवाज उठाकर स्थायी समाधान निकाला जाएगा। गावों में जलभराव होने पर राजस्व कर्मियों को भेजकर नुकसान का आकलन कराया जा रहा है।

- उपेंद्र पासवान, विधायक .....

प्रशासन और रेलवे के उच्चाधिकारियों तक बात पहुंचाई गई है। गांवों में लेखपाल और राजस्व कर्मी नुकसान का आकलन कर रहे हैं। स्थिति संभालने की पूरी कोशिश की जा रही है।

- अरुण कुमार श्रीवास्तव, एसडीएम

बिजली और पीने के पानी का भी संकट

पिछले 30 घंटे से ज्यादा समय से बिजली और पीने के पानी की सप्लाई भी ठप है। बिजली स्टेशन में पानी भरने से मशीने डूब गईं। पानी घटा को हीटर मंगाकर उन्हें सुखा करके बिजली पहुंचाने की कोशिश हुई, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। घरों में बरसात का गंदा पानी भरा हुआ है। पीने के पानी की सप्लाई न होने से लोग परेशान हैं। घरों में पानी भरने से कई परिवारों में खाना भी नहीं बना। ऐसे में प्रशासन की तरफ से किसी के खाने का इंतजाम भी नहीं कराया गया। लोग दिनभर पानी निकालते रहे।

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