अतिकुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य पर बरतें विशेष सतर्कता
जागरण संवाददाता कानपुर देहात कुपोषण से बचाव के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत जिले में
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : कुपोषण से बचाव के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत जिले में 7,013 अति कुपोषित बच्चों की पहचान की गई है। इसमें 4,793 बच्चों का परीक्षण कराया गया है, जिसमें 878 बच्चों को सीएचसी व पीएचसी में भर्ती कराया गया है। 35 बच्चों को जिला अस्पताल के एनआरसी में भर्ती कराया गया है। इस पर डीएम ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। वहीं श्रमिकों के कम पंजीकरण पर सहायक श्रमायुक्त से स्पष्टीकरण मांगा है।
कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को डीएम जेपी सिंह की अध्यक्षता में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जांचने के लिए बैठक आयोजित की गई। बैठक में डेंगू, मलेरिया के साथ ही संक्रामक बीमारियों से बचाव को लेकर स्वास्थ्य सेवा दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि 45 वर्ष आयु वर्ग के अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जाए। डा. सुखलाल वर्मा ने बताया कि जिले में प्रतिदिन एक हजार गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस पर डीएम ने प्रगति लाने के निर्देश दिए। डा. एपी वर्मा ने बताया कि डेंगू के जिले में कुल सात मामले आए हैं, जिसमें छह स्वस्थ हो गए हैं। डा. वीपी सिंह ने बताया कि जिले में 7013 अति कुपोषित बच्चों की पहचान की गई, जिसमें 4793 का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इसमें 878 को सीएचसी व पीएचसी में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है जबकि 35 बच्चे एनआरसी में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए कोई पोर्टल अलग से नहीं बन पाया है। सहायक श्रमायुक्त अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि अभी केवल 860 श्रमिकों का पंजीकरण हो सका है, जिसमें लक्ष्य आठ हजार है। लक्ष्य के सापेक्ष पंजीकरण न होने पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए उनसे स्पष्टीकरण तलब किया। बैठक में सीडीओ सौम्या पांडेय, एडीएम प्रशासन पंकज वर्मा, सीएमओ डा. एके सिंह मौजूद रहे।