दुनिया से जाने के बाद भी जल संरक्षण का दे रहीं संदेश
मेहरबान खान मूसानगर (कानपुर देहात) पानी कितना अनमोल है इसकी कीमत मूसानगर क्षेत्र की व
मेहरबान खान, मूसानगर (कानपुर देहात) :
पानी कितना अनमोल है इसकी कीमत मूसानगर क्षेत्र की वैराग्य धारण कर चुकीं एक महिला ने समझी। जल संकट को देखते हुए पति की मिल रही पेंशन को जोड़कर तालाब खोदवाया। बारिश के पानी से जब यह तालाब लबालब भर गया तो लोगों ने उनकी मेहनत को सलाम किया। आज वह दुनिया में नहीं हैं, लेकिन फिर भी उनके तालाब के जरिए लोगों को जल संरक्षण का संदेश मिल रहा है।
मूसानगर क्षेत्र के सिगर शिवपुर विजयपुर के बीच में सड़क किनारे बड़ा सा तालाब है। यह तालाब साल भर पानी से लबालब रहता है। इसके पीछे अगर किसी की मेहनत है तो वह हैं साहा देवी। आज वह दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी जीवटता व पानी के मोल को समझने की शक्ति काबिले तारीफ है। इस गांव के रघुवीर सिंह, लाखन सिंह व मनोज कुमार बताते हैं कि साहा देवी ने यह तालाब करीब 15 वर्ष पहले खोदवाया था। उनके पति फौजी थे और उनकी मृत्यु के बाद उन्होंने वैराग्य ले लिया और पास में बियाबान जंगल में शिवमंदिर का निर्माण कराकर वहीं पर झोपड़ी बनाकर रहने लगीं। पति की पेंशन से वह गुजारा करतीं और भगवान के भजन कीर्तन में लीन रहतीं। गांव में भूगर्भ जलस्तर नीचे होने से पानी की किल्लत थी। हैंडपंप व ट्यूबवेल ही साधन थे। इस पर साहा देवी ने ठाना कि तालाब बनाकर पानी को संरक्षित किया जाएगा, जिससे गांव का लाभ हो। उन्होंने पेंशन के रुपये जोड़े और तालाब को खोदवाया। इस दौरान उन्होंने यह भी ध्यान रखा कि सड़क के किनारों की तरफ पक्का निर्माण कर दिया गया, जिससे वह कटे नहीं। बारिश हुई तो तालाब लबालब भर गया। तालाब की गहराई व निर्माण इस तरह से है कि बारिश का पानी इसके अंदर आराम से सहेज उठता है। आज इस तालाब से भूगर्भ जलस्तर गांव का बेहतर हो चुका है तो मवेशियों के लिए पानी व कई लोग यहां पर कपड़े भी धुलते हैं। साहा देवी के इस सार्थक प्रयास से यहां के लोगों को पानी बचाने की सीख आज भी मिल रही है।