तीन गांव में शांतिपूर्ण संपन्न हुआ चुनाव, 75.55 फीसद रहा मतदान
जागरण संवाददाता कानपुर देहात जिले की तीन ग्राम पंचायत चपरघटा असालतगंज व शाही में रविव
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जिले की तीन ग्राम पंचायत चपरघटा, असालतगंज व शाही में रविवार को मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। मतदाताओं ने सुबह से ही उत्साह दिखाया और मतदान को अपने घरों से निकल पड़े। शाम तक यहां 75.55 फीसद मतदान हुआ। इन तीन गांव में प्रधान प्रत्याशियों की मौत होने के बाद मतदान किया जा रहा था। अब 11 मई को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे।
डेरापुर की शाही, रसूलाबाद की असालतगंज व अमरौधा की चपरघटा सीट पर प्रत्याशियों की मौत से 26 अप्रैल को मतदान नहीं हो सका था। चपरघटा के प्रत्याशी की कोरोना से मौत हुई थी। इसके बाद रविवार को यहां मतदान होना था। सुबह ही लोग अपने अपने घरों से मतदान केंद्रों को निकल पड़े। सभी गांव के विकास के लिए मतदान करने को उत्सुक नजर आए। चपरघटा के ग्राम सभा में अकबराबाद, मूसरिया, आढ़न, पथार व पड़ाव मजरे हैं। मतदान केंद्रों पर सुबह अधिक लोग जुटे और मतदान किया। दो मजरों की दूरी तीन तीन किलोमीटर है तो वोटर निजी वाहनों से वह प्रत्याशियों के वाहन से आते जाते रहे। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगाई गई टीम में तीन आशा बहू मधु, रेखा व एएनएम कविता ने थर्मल स्क्रीनिग व सैनिटाइजर लगाने के बाद ही लोगों को जाने दिया। उधर, असालतगंज में हो रहे मतदान में सुबह के समय लोगों की भीड़ रही। यहां पूर्वाह्न 11 जे तक करीब 30 फीसद मतदान हुआ। 24 मजरों वाले असालतगंज ग्राम सभा में 7013 मतदाता होने के कारण बनाए गए कुल तीन मतदान केंद्रों पर 15 बूथ होने से किसी भी बूथ पर भीड़ व लंबी लंबी लाइनें नहीं लगी। उधर शाही गांव में शांतिपूर्वक लोगों ने मतदान किया। यहां पर शारीरिक दूरी का पालन होता न देख थाना प्रभारी रूरा प्रभात सिंह ने लोगों को चेताया कि सही से कतार में लगें। सुबह से ही लोगों ने घरों से निकलकर मतदान किया। दोपहर तक भीड़ रहने से कतारें लगी रहीं। मतदान के दौरान एसडीएम डेरापुर ऋषिकांत राजवंशी व सेक्टर मजिस्ट्रेट लाल सिंह ने पूरी व्यवस्था पर नजर रखी। जिला निर्वाचन अधिकारी व डीएम जेपी सिंह ने बताया कि मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ है और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से यहां मुस्तैद था। अब 11 मई को मतगणना के बाद परिणाम आएगा।
वोट कट जाने से हुए नाखुश
असालतगंज में खास निवादा मजरा के मुन्नू राठौर वोट डालने पहुंचे तो पता चला कि उनका नाम ही कट चुका है। काफी मिन्नत मतदान कर्मियों से की पर बिना सूची में नाम के मतदान करने से इन्कार कर दिया। इस पर वह मायूस होकर व्यवस्था को कोसते हुए चले गए।