पांच वर्ष बाद भी अधर में पेयजल योजना

संवाद सूत्र सरवनखेड़ा लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए 3.72 करोड़ रुपये की लागत

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 07:26 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 07:26 PM (IST)
पांच वर्ष बाद भी अधर में पेयजल योजना
पांच वर्ष बाद भी अधर में पेयजल योजना

संवाद सूत्र, सरवनखेड़ा : लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए 3.72 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई पेयजल योजना पांच वर्ष बाद भी अधूरी है। जल निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोगों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है। कई बार शिकायत के बाद भी आपूर्ति शुरू न होने पर लोगों में हताशा है।

कस्बा व आसपास के गांवों में लगे इंडिया मार्का हैंडपंपों से दूषित पानी निकलने की ग्रामीणों की शिकायत पर करीब छह वर्ष पूर्व जल निगम ने पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए सैंपल लखनऊ भेजा था। जांच में पानी के दूषित होने की पुष्टि होने पर जनप्रतिनिधियों के प्रयास से तत्कालीन सरकार ने टंकी निर्माण की स्वीकृति दी थी। शुरुआती दौर में धनाभाव के चलते शुरू में निर्माण गति बेहद सुस्त रही। पर्याप्त धन उपलब्ध होने पर टंकी बनकर तैयार होने के बाद कस्बा सहित गांवों व मजरों में गलियों की खुदाई कर पाइपलाइन भी बिछा दी गई, लेकिन पांच वर्ष बीतने के बाद भी आपूर्ति की जांच होना शेष रह गया है। जल निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता से मामूली प्रक्रिया पूरी न होने के कारण कस्बा सरवनखेड़ा, मजरा सिकंदरपुर, बिराहिमपुर, त्रिवेदिनपुर, रंजीतपुर, अहिरानी, शंकरपुर, बाबूरामपुरवा सहित 11 गांवों को टंकी का पानी नसीब नहीं हो सका। करोड़ों खर्च हो जाने के बाद भी वर्षों से दूषित पानी पीकर स्वास्थ्य खराब कर रहे लोगों में अब स्थानीय प्रशासन के साथ ही शासन को लेकर भी हताशा है। भोगनीपुर विधायक विनोद कटियार ने बताया कि जल निगम अधिकारियों से उनकी सकारात्मक बात हुई है। उम्मीद है कि 15 दिसंबर तक टंकी से पानी की आपूर्ति शुरू हो जाए। लोगों का दर्द

पांच साल पहले टंकी निर्माण की स्वीकृति मिलने पर शुद्ध पेयजल मिलने की आस पर ग्रामीणों को बेहद खुशी हुई थी, लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी शुद्ध पेयजल की आपूर्ति न होने पर ग्रामीणों में भारी निराशा है। राजकुमार गुप्ता, क्षेत्रीय निवासी पांच वर्षों से टंकी के निर्माण का कार्य चल रहा है करोड़ों रुपये सरकार का खर्च होने के बाद भी ग्रामीणों को शुद्ध पानी की आपूर्ति ना हो सकी।

संदीप सिंह, क्षेत्रीय निवासी जल निगम विभाग की लचर कार्यप्रणाली की वजह से दूषित पानी पीने को मजबूर हैं, इसका खामियाजा बीमारी के रूप में कस्बा व गांव के लोगों को भोगना पड़ रहा है।

बीके सिंह, क्षेत्रीय निवासी हम लोगों को टंकी का निर्माण शुरू होने से शुद्ध पेयजल मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन इतना समय बीत जाने के बावजूद अभी तक शुद्ध पेयजल नहीं उपलब्ध हो सका है, जिससे हम लोगों को घोर निराशा है।

छोटे पाल, क्षेत्रीय निवासी

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