चार साल बाद पूरी हो रही आस, रिश्तों से झोली भरने का प्रयास

चारुतोष जायसवाल कानपुर देहात देश के लिए भले राम नाथ कोविन्द राष्ट्रपति हैं लेकिन कानपु

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:33 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:33 PM (IST)
चार साल बाद पूरी हो रही आस,  रिश्तों से झोली भरने का प्रयास
चार साल बाद पूरी हो रही आस, रिश्तों से झोली भरने का प्रयास

चारुतोष जायसवाल, कानपुर देहात

देश के लिए भले राम नाथ कोविन्द राष्ट्रपति हैं, लेकिन कानपुर देहात और पैतृक गांव परौंख के लोगों के लिए प्रेम, अपनत्व के रिश्ते में वह लल्ला, बाबा व बालसखा हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद से 27 जून को पहली बार चार साल बाद जब वह अपने गांव व जिले में आएंगे तो इन्हीं रिश्तों की दुहाई देकर लोग विकास से अपनी झोली भरने का प्रयास करेंगे। उन्हें आस है कि इतने वर्ष का इंतजार जाया नहीं जाएगा और उनके हिस्से में विकास कार्यो से जुड़ी सौगातें जरूर आएंगी।

राष्ट्रपति को गांव के बुजुर्ग व बड़े लल्ला तो युवा उन्हें बाबा कहते हैं। उनके हमजोली, छात्र जीवन व राजनीतिक सफर में साथ रहने वाले मित्र और बालसखा हैं। वर्ष 2017 में जब वह राष्ट्रपति बने तो परौंख और जिला खुशी से झूमा था। हालांकि, राष्ट्रपति कानपुर तो आए लेकिन किसी न किसी कारण से अपने गांव नहीं आ सके। अब उनके यहां आने को लेकर सभी खुश हैं। हर कोई उनसे अपने मन की कहने की तैयारी में है। प्रमुख मांग है सोलर प्लांट की, जिससे बिजली न रहने पर भी गांव रोशन रहे। मंगलपुर से लेकर डेरापुर तक औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की मंशा भी लोग पूरी कराना चाहते हैं। परौंख में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पहले से ही जमीन देखी जा चुकी है। शिक्षा में कई काम हो ही रहे हैं।

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इन ट्रेनों के ठहराव की हो सकती मांग

रेलवे सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य शेख मोहम्मद ने बताया कि पुखरायां, झींझक और रूरा रेलवे स्टेशन पर कुछ और ट्रेनों के ठहराव की जरूरत है। 2013 में उद्योग नगरी एक्सप्रेस, लखनऊ मद्रास एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों के ठहराव के लिए रामनाथ कोविन्द ने भाजपा कार्यकर्ताओं संग पुखरायां स्टेशन पर धरना दिया था। उस समय वह पूर्व राज्यसभा सदस्य थे। पुराने कार्यकर्ता व मित्र मुलाकात होने पर इन ट्रेनों के ठहराव की मांग करेंगे।

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दान कर दिया था मकान

राष्ट्रपति ने बिहार के राज्यपाल रहते हुए अपना पैतृक घर दान कर दिया था, जहां वर्तमान में मिलन घर बन चुका है। उनके प्रयास से गांव में इंटर कालेज खुल सका। कई और विकास कार्य हो रहे हैं।

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गांव की महिलाएं सोलर लैंप बना रहीं हैं। राष्ट्रपति से यहां के लिए सोलर प्लांट की मांग करेंगे, जिससे गांव सौर ऊर्जा की रोशनी से जगमग रहे और समस्या न हो।

- संग्राम सिंह, ग्राम प्रधान, परौंख डेरापुर से मंगलपुर तक काफी जमीन खाली है, जहां उद्योग विकसित किए जा सकते हैं। इससे पूरे क्षेत्र को रोजगार मिलने के साथ विकास को पंख लगेंगे।

- अमन शुक्ला, परौंख

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