भगवान श्रीराम के तीर मारते ही दशानन का हुआ दहन

जागरण संवाददाता कानपुर देहात प्रभु श्रीराम के बाण मारने के बाद भी रावण का सिर फिर स

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 06:00 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 06:00 PM (IST)
भगवान श्रीराम के तीर मारते ही दशानन का हुआ दहन
भगवान श्रीराम के तीर मारते ही दशानन का हुआ दहन

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : प्रभु श्रीराम के बाण मारने के बाद भी रावण का सिर फिर से जुड़ जाने पर रामदल में सभी योद्धा चितित थे। विभीषण ने प्रभु राम को रावण के नाभि में अमृत होने का राज बताया। उन्होंने बताया कि नाभि में अमृत होने के कारण ही सिर नहीं कट रहे हैं। इसके बाद नाभि में बाण मारते ही रावण धराशायी हो गया और जगह जगह पुतला दहन किया गया। इससे जय श्रीराम के जयकारे गूंज उठे।

अकबरपुर रामलीला में सांसद देवेंद्र सिंह भोले, विधायक प्रतिभा शुक्ला, डीएम जेपी सिंह व एसपी केके चौधरी ने भगवान श्रीराम का पूजन किया। इसके बाद लीला में श्रीराम रावण के बीच भीषण युद्ध हुआ। आखिर में रावण का वध हुआ। इसके बाद मेघनाथ व रावण का पुतला दहन किया गया। इस दौरान समिति अध्यक्ष मनोज निगम, गुड्डन सिंह, गोपाल सैनी, मयंक शुक्ला व दुर्गेश शर्मा रहे। झींझक में आदर्श रामलीला समिति की ओर से विजयदशमी पर रावण वध लीला का मंचन किया गया। भगवान राम व रावण का युद्ध में रावण का एक सिर कटने के बाद फिर से दूसरा निकल आता है। तब विभीषण भगवान राम को रावण की नाभि में अमृत होने की जानकारी देते हैं। भगवान राम ने उसकी नाभि पर बाण चलाए, जिससे रावण जमीन पर गिर पड़ा तब भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा कि संसार से आज एक महा ज्ञानी विदा ले रहा है। इससे कुछ ज्ञान ले लो तो लक्ष्मण जी रावण के पास पहुंचकर उसके सिर की तरफ खड़े हो गए तो रावण कुछ नहीं बोला। इसके बाद श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा यदि किसी से कुछ लेते है तो उसके पैरों की तरफ खड़े होना चाहिए। बाद में पुतला दहन किया गया। उधर, धर्मगढ़ बाबा मंदिर परिसर से भगवान राम सीता, शंकर पार्वती, गणेशजी, हनुमान सहित अन्य देवी देवताओं की शोभा यात्रा निकाली गई। धर्मगढ़ बाबा मंदिर से शुरू होकर पूरे नगर का भ्रमण कर भगवान की झांकी वापस मंदिर लौटी। वहीं राम रावण युद्ध में राम के तीर मारते ही रावण का पुतला जलने लगा। रामलीला में धनुष भंग यज्ञ का आयोजन किया गया, जब सभी राजा धनुष भंग नहीं कर सके तो जनक नें विलाप किया। उनके करुण विलाप को देखकर दर्शक भावविभोर हो गए। विश्वामित्र की आज्ञा पाकर राम ने धनुष भंग किया। परशुराम लक्ष्मण संवाद, रावण वध सहित अन्य लीलाओं का मंचन किया गया व पुतला दहन हुआ। इस दौरान अशोक भदौरिया, बउवन चौरसिया, संजय मिश्रा, प्रहलाद गुप्ता, रामू गुप्ता, जीतू त्रिपाठी, हरगोविद सिंह, विनोद गुप्ता, अंबर सिंह सिसौदिया मौजूद रहे।

पुतला दहन के समय तैनात रही पुलिस

रूरा के रामलीला मैदान में पुतला दहन स्थल पर अतिक्रमण के विवाद को लेकर रावण का पुतला रखे जाने से लेकर पुतला में आग लगाने तक पुलिस चौकसी से तैनात रही। राम-रावण युद्ध लीला मंचन के दौरान श्रीराम के रावण के नाभि में बाण मारते ही वह मौत के मुंह में समा गया। इस दौरान पुतला को आग के हवाले करते ही पंडाल प्रभु श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। मेले में सुरक्षा को लेकर प्रभारी एसओ अनिल कुमार, चौकी इंचार्ज प्रभाकर यादव भारी पुलिस बल के साथ जगह जगह तैनात रहे।

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