जर्जर बिजली लाइन से निर्बाध बिजली पर संकट

संवाद सहयोगी सिकंदरा जर्जर बिजली लाइन में फाल्ट के कारण भाल गांव के वाशिदों को अक्सर ह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:04 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 08:04 PM (IST)
जर्जर बिजली लाइन से निर्बाध बिजली पर संकट
जर्जर बिजली लाइन से निर्बाध बिजली पर संकट

संवाद सहयोगी, सिकंदरा : जर्जर बिजली लाइन में फाल्ट के कारण भाल गांव के वाशिदों को अक्सर ही बिजली समस्या से जूझना पड़ता है। वहीं कई बार तेज हवा चलने में ही लाइन टूट जाती है, जिससे आपूर्ति तो बाधित होती है वहीं कई बार हादसे की वजह भी बन जाती है। जर्जर बिजली लाइन को बदलाने के लिए कई बार ग्रामीणों ने शिकायत की, लेकिन विभागीय कर्मियों की उदासीनता के कारण समस्या बरकरार है।

जैनपुर बिजली उपकेंद्र से जुड़े भाल गांव में वर्षों पुराने बिजली के जर्जर तारों को विभाग ने बदलवाने की कभी सुध नहीं ली। इससे जर्जर हो चुके तार तेज हवा चलने में ही टूट जाते हैं। फाल्ट होने पर लोगों को बिजली समस्या से जूझना पड़ता है, जबकि कई बार शिकायत के बाद भी कई दिनों तक निस्तारण नहीं होता। तार टूटकर गिरने से लोगों को हादसे का अंदेशा भी बना रहता है। स्थानीय लोगों की ओर से कई बार विभागीय अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से उदासीनता बरती जा रही है।क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि जर्जर विद्युत तार सामान्य हवा चलने पर टकरा जाते है, जिससे कई बार खड़़ी फसल में आग भी लग चुकी है, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से उदासीनता बरती जा रही है। वहीं सामान्य फाल्ट को सही करने में भी तीन-चार दिन का समय लग जाता है। इससे पेयजल के साथ ही फसलों की सिचाई में भी समस्या होती है। जेई प्रवीण कुमार ने बताया कि जर्जर विद्युत तारों को बदलने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है। बजट मिलने पर शीघ्र ही विद्युत लाइन पर लाए जाने के साथ बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठीक कराई जाएगी।

- जर्जर बिजली के तारों को बदलने के लिए कई बार अधिकारियों को बताया गया, लेकिन कोई सुनवाई न होने से समस्या बरकरार है। - हरदीप मिश्रा

- सामान्य हवा में ही तार आपस में टकराने से सूखी फसल में आग लग चुकी है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ। इसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं देते। - सुनील कुमार

- सामान्य फाल्ट को सही करने में स्थानीय कर्मी तीन से चार दिन का समय लगा देते हैं। इससे गर्मी में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। - कुलदीप सिंह

- बिजली न आने से ग्रामीणों को चार चार दिन ऐसे ही गुजारने पड़ते हैं। वहीं कई बार सिचाई के लिए भी संकट खड़ा हो जाता है। - दीपक सिंह

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