सीएमओ को सीएचसी के दवा कक्ष में मिली गंदगी

संवाद सहयोगी झींझक सीएमओ ने शुक्रवार को झींझक सीएचसी का औचक निरीक्षण किया। यहां

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 12:29 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 12:29 AM (IST)
सीएमओ को सीएचसी के दवा कक्ष में मिली गंदगी
सीएमओ को सीएचसी के दवा कक्ष में मिली गंदगी

संवाद सहयोगी, झींझक : सीएमओ ने शुक्रवार को झींझक सीएचसी का औचक निरीक्षण किया। यहां उन्हें औषधि कक्ष में गंदगी व मकड़ी के जाले मिले तो उन्होंने गहरी नाराजगी जताई। जल्द सुधार के निर्देश दिए।

सीएमओ डाक्टर एके सिंह ने सबसे पहले सीएचसी में बनाया गया डेंगू वार्ड देखा जहां पर मच्छरदानी युक्त बेड पड़े मिले। इसके बाद सीएचसी के दवा वितरण कक्ष का निरीक्षण किया वहां पर मकड़ी के जाले व गंदगी मिलने पर नाराजगी जताई और कहा कि यह हाल रहेगा तो आपकी ड्यूटी का कोई मतलब नहीं है। इसे जल्द साफ कराएं। इसके बाद उन्होंने टेली मेडिसिन देखा जहां पर व्यवस्था सुचारू थी। बाद में उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन का जायजा लिया तो सीएचसी के वैक्सीनेशन सेंटर में 85 लोगों का टीकाकरण हो चुका था। उन्होंने अधीक्षक कक्ष में बैठकर जानकारी ली तो उन्होंने सीएचसी में डाक्टरों व फार्मासिस्ट की कमी बताई जिस पर उन्होंने डाक्टरों व फार्मासिस्ट की तैनाती करने की बात कही। इस दौरान अधीक्षक डाक्टर राजेश कुमार, डाक्टर शिरोमणि सिह, डाक्टर निर्देश कुमार ,फार्मासिस्ट अनिल सचान व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी जयकिशन मौजूद रहे।

एसीएमओ ने आयुष्मान के मरीज भर्ती न करने के लिए संचालक को फटकारा : अकबरपुर कस्बे के पुरानी तहसील रोड पर स्थित पुष्पेय अस्पताल में दोपहर को एसीएमओ डाक्टर सुखलाल वर्मा ने औचक निरीक्षण किया। दौरान मानक पूरे न मिलने व आयुष्मान के मरीज को भर्ती न करने के लिए संचालक को फटकार लगा कर चेतावनी दी।

अस्पताल में सीधामऊ गांव के विश्वनाथ त्रिपाठी बीमारी के कारण पुष्पेय अस्पताल में चार दिन पहले भर्ती हुए थे। स्वजन ने अस्पताल के प्रबंधन को आयुष्मान योजना का लाभार्थी बताया तो अस्पताल वालों ने आयुष्मान कोड लॉक होने की बात बताकर टरका दिया व नकद पैसा जमा कराकर भर्ती कर लिया। निरीक्षण को आए एसीएमओ ने अपने स्टाफ को फोन कर मौके से जानकारी ली जिस पर आयुष्मान योजना का पासवर्ड व आइडी को ठीक पाया गया। इस पर नाराजगी जताई। अस्पताल में बायो कचरा निस्तारण सही से नहीं हो रहा था। एक कर्मचारी से पूछने पर कौन सा मेडिकल कचरा किस रंग की बाल्टी में डाला जाता है का सही जवाब नहीं मिला। एसीएमओ ने बताया कि खामियों को दूर न किया गया तो अस्पताल के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होगा।

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