कहिजरी में बच्चों की रामलीला ने मोहा मन
संवाद सहयोगी रसूलाबाद कहिजरी में बाल कलाकारों की रामलीला आकर्षण का केंद्र बनी है। र
संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : कहिजरी में बाल कलाकारों की रामलीला आकर्षण का केंद्र बनी है। रामलीला में राम वनगमन के पश्चात भगवान राम को मनाने पहुंचे भरत का राम से मिलाप एवं उनकी चरण पादुका
लेकर घर लौटने की लीला देखकर लोग भाव विभोर हो गए।
प्रभु श्रीरामजी पिता के वचनों को मानकर 14 वर्षो के लिए वन को निकले। केवट राम संवाद हुआ, केवट ने भगवान राम से कहा कि वह बिना पद पखारे नाव में नहीं बैठाएगा क्योंकि जिन के चरणों के छूने से पत्थर नारी रूप हो गई ऐसे प्रभु के चरणों से उसकी नाव कहीं बदल गई तो उसकी जीविका कैसे चलेगी। अंत में भगवान राम के चरण पखार कर केवट ने उन्हें गंगा पार कराई। उतरि ठाढ़ भए सुरसरि रेता, लखन राम सिय अनुज समेता। इधर ननिहाल से लौटे भरत ने जब राम के वन गमन की बात सुनी तो उन्होंने राम को मनाने के लिए वन जाने का निश्चय किया और अयोध्या के अनेक लोगों के साथ वह चित्रकूट गए। जहां काफी समझाने बुझाने के बाद भरत भगवान की चरण पादुका लेकर अयोध्या लौटे। प्रभु कर कृपा पावरी दीन्ही, सादर भरत शीश धरि लीन्ही। बाल कलाकारों में रामजी का अभिनय अरुणेश त्रिपाठी ने, लक्ष्मण का गरुणेश त्रिपाठी, सीता जी का वैभव बाजपेयी, भरत का कपिल त्रिवेदी व शत्रुघ्न का अभिनय प्रभु राज दुबे ने किया।