सीएचसी नई, संसाधन नहीं, कैसे मिले इलाज

संवाद सूत्र रूरा कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 07:16 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 07:16 PM (IST)
सीएचसी नई, संसाधन नहीं, कैसे मिले इलाज
सीएचसी नई, संसाधन नहीं, कैसे मिले इलाज

संवाद सूत्र, रूरा : कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए रूरा कस्बे में नवीन सीएचसी बनाई गई। इससे क्षेत्र के लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें जिला अस्पताल व कानपुर नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन संसाधनों के अभाव में अभी भी मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

बारिश के बाद जिले में डेंगू, मलेरिया सहित अन्य संक्रामक बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। सीएचसी व जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की लाइन लग रही है। वहीं नवीन सीएचसी रूरा आने वाले मरीजों को अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है। खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है। वहीं सीवीसी मशीन न आने के कारण मरीजों को प्राइवेट केंद्रों पर जांच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके साथ ही एक्सरे, अल्ट्रासाउंड के साथ ही अन्य जांच मशीन भी सीएचसी में नहीं हैं। नया भवन संचालित होने के बाद भी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार है, जिसका फायदा नर्सिंगहोम संचालकों के साथ ही झोलाछाप उठा रहे हैं। वहीं मरीजों के समक्ष अन्य विकल्प न होने से वह झोलाछाप से उपचार कराने के मजबूर हैं। माह पूर्व दंत चिकित्सक डा. अर्चना की अस्पताल में तैनाती की गई है, लेकिन उपकरण न होने के कारण मरीजों को उपचार के लिए जिला अस्पताल रेफर किया जाता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में उपकरण न होने के कारण मरीजों को जिला अस्पताल भेजना पड़ता है। उपकरण के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है।

नवीन सीएचसी के निर्माण के लिए वर्ष 2014 में शासन की ओर से 3.74 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे, जिससे भवन निर्माण का कार्य शुरू हुआ। वहीं बजट के अभाव में काम बंद होने पर दोबारा प्रस्ताव भेजा गया था, जिससे 1.60 करोड़ रुपये दोबारा शासन से स्वीकृत किए गए। जनवरी 2020 से सीएचसी को चालू कर दिया गया।

- अस्पताल में पीएचसी के उपकरण व संसाधन के कार्य किए जा रहे हैं। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य मशीनों के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही सभी सुविधाएं चालू की जाएंगी।

- डा. सुनील कुमार, प्रभारी अधीक्षक

- करीब तीस हजार की आबादी वाले कस्बे में सीएचसी संचालित होने से उम्मीद जगी थी, लेकिन यहां कुछ भी नही है। अभी भी प्राथमिक उपचार ही मिल पा रहा है। - संध्या मिश्रा

- मामूली उपचार के लिए इधर-उधर भागना पड़ता है। गांव की जनता को बहुत बड़ी दिक्कत है।अभी भी लोग जिला अस्पताल के ही सहारे है।

-संजय पाल

- कस्बा के अस्पताल में सुविधाएं व संसाधन नहीं है। इससे पंजीकृत व गैर पंजीकृत अस्पताल फल फूल रहे है। जिम्मेदारों को चाहिए कि सुविधाएं बढ़ाएं।

नीरज शुक्ला

- अभी तक साधारण खांसी बुखार का ही इलाज शुरू हो पाया है। सफाई कर्मी न होने से गंदगी रहती है। प्रसूता को भी समस्या का सामना करना पड़ता है।-शैलेंद्र सिंह सविता

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