वसूली से परेशान होकर देवर ने की थी भाभी की हत्या

जागरण संवाददाता कानपुर देहात मुकदमे में फंसाने की धमकी व भाभी की लगातार वसूली से परेश्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Feb 2020 12:18 AM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 06:03 AM (IST)
वसूली से परेशान होकर देवर ने की थी भाभी की हत्या
वसूली से परेशान होकर देवर ने की थी भाभी की हत्या

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : मुकदमे में फंसाने की धमकी व भाभी की लगातार वसूली से परेशान होकर देवर ने ही कुल्हाड़ी से काटकर हत्या की थी और शव को डेरापुर क्षेत्र में खेत में फेंक दिया था। पुलिस ने सर्विलांस व मुखबिर की मदद से चार माह बाद हत्यारे देवर को गिरफ्तार कर घटना का राजफाश किया है।

एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि आशापुरवा डेरापुर में खेत में महिला का कंकाल बीते वर्ष तीन अक्टूबर को मिला था। जिसकी पहचान बरगवां बरौर निवासी छोटेलाल की पत्नी रजनी के रूप में हुई थी। रजनी की मां रामप्यारी ने मुकदमा दर्ज कराते हुए ससुरालियों पर शक जताया था। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि महिला का मोबाइल गायब है। सर्विलांस व सीडीआर के जरिए पता चला कि उसे रजनी का देवर रविशंकर इस्तेमाल कर रहा है। वहीं घटना के बाद से वह गांव से भी ज्यादातर गायब रहता था। इससे उस पर शक गहरा गया और उसकी तलाश तेज की गई। बुधवार सुबह छह बजे औरैया कानपुर हाईवे पर बरगवां लिक रोड से उसे डेरापुर थाना प्रभारी नीरज यादव ने टीम के साथ मिलकर गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वर्ष 2016 में उसकी भाभी रजनी की बहन की गुमशुदगी अकबरपुर में दर्ज हुई थी, जिसमें तीन अन्य आरोपितों के साथ उसका नाम भी डलवा दिया गया था। मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लग गई थी, लेकिन भाभी रजनी लगातार धमका रही थीं कि बयान देकर वह फिर से मामला खुलवा देंगी और उसे जेल जाना पड़ेगा। बीते एक वर्ष से वह उसे धमकाकर रुपये वसूलती थीं। इससे परेशान होकर एक दिन बाजरे के खेत में रुपये देने के बहाने बुलाया जहां पहुंचते ही कुल्हाड़ी से वारकर मौत के घाट उतार दिया।

एएसपी अनूप कुमार व सीओ रामकृष्ण ने बताया कि हत्यारोपित ने अपना जुर्म कबूल किया है और उसकी निशानदेही पर पुलिया के नीचे से हत्या में इस्तेमाल कुल्हाड़ी को बरामद किया गया है। राजफाश करने वाली टीम में थाना प्रभारी डेरापुर नीरज यादव, दारोगा दिग्विजय सिंह, विनय कुमार, रोहित कुमार व सुभाष कुमार शामिल रहे।

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परिवार चलाने में आ रही थी समस्या

ईंट-भट्ठे में काम कर किसी तरह से रविशंकर पत्नी व बच्चे का पेट पाल रहा था। पुलिस को उसने बताया कि मजदूरी पर प्रतिदिन 300 रुपये मिलते थे, वसूली के हर माह पांच हजार रुपये देना पड़ता था, इससे परिवार ढंग से चल नहीं पा रहा था। मेहनत की कमाई जा रही थी और वह धमकी से डरा सहमा था। बहुत आजिज आ जाने पर उसने यह कदम उठाया। घटना के बाद वह ससुराल सजेती के टुगनू गांव चला गया। इसके बाद अलग-अलग रिश्तेदारी में रहा। कभी भट्ठे पर काम किया तो कभी दिहाड़ी मजदूरी। उसे भाभी की हत्या करने का कोई अफसोस नहीं है।

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