धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्ता रखता बरगद
जागरण संवाददाता कानपुर देहात बरगद का पेड़ सभी वृक्षों में श्रेष्ठ है तभी इसे राष्ट्रीय वृक्ष्
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : बरगद का पेड़ सभी वृक्षों में श्रेष्ठ है तभी इसे राष्ट्रीय वृक्ष की संज्ञा मिली है। न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जिला कृषि अधिकारी सुमित पटेल बताते हैं कि बरगद के फल, पत्ती के साथ ही तने से निकलने वाला दूध औषधीय गुणों से भरा है जो कई असाध्य बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। वहीं धार्मिक दृष्टि से देखे तो वट सावित्री पूजन में इसकी महत्ता का स्वत: ही अंदाजा लगाया जा सकता है। मान्यता है कि वट वृक्ष में ईश्वर का वास होता है, जिस कारण इसके प्रति लोगों की विशेष आस्था है। वहीं महामारी काल में अब लोगों की आस्था बदली है जबकि महिलाएं भी इसमें पीछा नहीं रहना चाहती हैं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर अब उनकी ओर से भी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं, इसलिए वट सावित्री व्रत व पूजन के दिन महिलाए बरगद का पौधा रोपित करने के लिए संकल्प ले रही हैं।
- प्रकृति ने हमे शुद्ध प्राणवायु दे रही है। पिछले दिनों महामारी काल में लोगों ने प्रकृति की महत्व को समझा है। लोगों को निजी स्वार्थ से उठकर पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कार्य करना चाहिए। कई ऐसे त्योहार है, जिसमें पेड़ों की पूजा होती है। पीपल, बरगद, आंवला, तुलसी में तो देवताओं का वास माना गया है इसलिए वट सावित्री पूजन के दिन एक बरगद का पौधा तो अवश्य ही रोपित करूंगी।
- डा. मीता शुक्ला
लोग प्रकृति का दोहन कर रहे हैं, जिससे असंतुलन होना तो स्वाभाविक ही है। महामारी काल में अब लोग अपनी भूल का अहसास कर रहे हैं, जिससे उनके नजरिए में बदलाव हुआ है। पेड़ पौधों की महत्ता को समझने के बाद अब लोग उनके संरक्षण को लेकर प्रयास कर रहे हैं। यह बदलाव अच्छे संकेत दे रहा है और स्वयं भी वट सावित्री के दिन बरगद का पौधा रोपित कर इस अभियान का हिस्सा बनूंगी। - राजेंद्री देवी