नम आंखों के बीच अर्चना की हुई अंतिम विदाई
जागरण संवाददाता कानपुर देहात अकबरपुर के नेहरू नगर में मंगलवार सुबह अर्चना का शव पह
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : अकबरपुर के नेहरू नगर में मंगलवार सुबह अर्चना का शव पहुंचा तो आंसुओं का सैलाब बह उठा। परिवार के लोगों सहित हर किसी की आंख नम थी और मासूम बच्चों व अर्चना की मौत पर असहनीय पीड़ा हो रही थी। सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा रही। दुर्वासा आश्रम पर सेंगुर नदी किनारे अंतिम संस्कार किया गया।
मंगलवार सुबह करीब 9 बजे कानपुर से अर्चना का शव नेहरू नगर स्थित घर पर पहुंचा। यहां पहले से ही परिवार, रिश्तेदार व कस्बे के लोग जमा थे। शव पहुंचते ही महिलाएं दहाड़े मारकर रोने लगीं। सभासद जितेंद्र के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। उनकी हालत देखकर दूसरे भी पीड़ा में थे। एक झटके में उनका हंसता खेलता परिवार उनसे बिछड़ गया। सभासद के पिता कैलाशनाथ बेहद गम में थे उनके सबसे प्यारे दुलारे पोती पौत्र के अलावा बहू की याद अंदर ही अंदर उन्हें खाए जा रही थी। लोगों ने उन्हें किसी तरह से संभाला। इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए दुर्वासा आश्रम के पास सेंगुर नदी ले जाया गया और यहां पर अंतिम संस्कार किया गया। एहतियातन पुलिस फोर्स तैनात रहा। इस दौरान कई सभासद, सपा, कांग्रेस व भाजपा पार्टी के नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सीओ की आंखें हुईं नम
माहौल इतना गमगीन था कि हर आंख से आंसू बह रहे थे। सीओ संदीप सिंह भी वहीं मौजूद थे और उनकी आंखों से आंसू निकल गए। उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला और अपनी ड्यूटी की और शव जाने के दौरान यातायात व्यवस्था भी संभाली। अर्चना के भाई ने लगाया आरोप
शव जाते समय अर्चना का भाई जितेंद्र रोते हुए बदहवास हो गया था। उसने अपने बहनोई सभासद पर ही जला देने का आरोप लगाया। इससे कुछ देर वहां का माहौल बदल गया। लोगों ने उसे समझाया कि यह कैसी बात कर रहे हो, गम में खुद को संभालो और ऐसी कोई बात न करो कि फालतू का विवाद बने। इस पर वह शांत हो गया।