सब्जियों के बाद अब खाद्य तेल ने दिखाए तेवर

जागरण संवाददाता कानपुर देहात खाद्य तेलों के बढ़े दाम ने घरों का बजट बिगाड़ कर रख दिय

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 07:51 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 12:06 AM (IST)
सब्जियों के बाद अब खाद्य तेल ने दिखाए तेवर
सब्जियों के बाद अब खाद्य तेल ने दिखाए तेवर

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : खाद्य तेलों के बढ़े दाम ने घरों का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। तीन माह के भीतर ही दामों में करीब 30 फीसद की बढ़ोतरी हो गई है, जिसने पकवानों का स्वाद फीका कर दिया है। खासकर मध्यमवर्गीय परिवार के लोग बजट संतुलित करने को कम मात्रा में तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सरसों का तेल जहां खुले में दुकानों पर तीन माह पहले 90 से 95 रुपये प्रति लीटर में मिलता था वहीं अब इसका दाम 130 से 135 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं ब्रांडेड तेल का दाम पहले 110 से 115 रुपये था जो कि अब 150 रुपये तक मिल रहा है। वहीं रिफाइंड का दाम 80 रुपये प्रति लीटर में पहले बिकता था जो कि अब 100 से 110 रुपये में बिक रहा है। इन तीन माह में ही इनके दाम में जबरदस्त वृद्धि हुई है। वहीं क्षेत्रों में बाजार के हिसाब से भी इनके दाम में पांच से 10 रुपये का भी अंतर मिल जाएगा। अकबरपुर के तेल व्यापारी अशोक मिश्रा कहते हैं कि इस बार लाही की फसल कम हुई है इसका ही असर है कि दाम अचानक से बढ़ गए हैं। वहीं थोक विक्रेता बृजेश पुरवार कहते हैं कि पॉम आयल व रिफाइंड का आयात ज्यादातर दूसरे देश से होता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़े है इसका यहां पर सीधा असर पड़ा है। लाही के दाम बढ़ना भी कारण

लाही का दाम अचानक से बढ़ने व कालाबाजारी के कारण भी दाम बढ़े हैं। जो लाही 3800 रुपये प्रति कुंतल दाम में थी वह अब 5500 रुपये प्रति कुंतल में बिक रही। क्या कहती हैं गृहणियां

- सब्जियों के बाद अब खाद्य तेलों ने तेवर दिखाए हैं। हम लोगों को हर चीज में कटौती करना पड़ रहा क्योंकि घर परिवार में खपत अधिक होने से बजट बिगड़ रहा है।

अनीता मिश्रा, गृहणी पहले जहां तेल अधिक प्रयोग करते थे वहीं अब इसका प्रयोग कम कर रहे। आखिर घर का बजट जो चलाना है इसलिए ही समय के हिसाब से यह बदलाव घर की रसोई में किया है।

पूर्ति सिंह, गृहणी

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