वैज्ञानिक सोच को ग्रामीण परिवेश में संचालित कराने की दी गई सलाह

जागरण संवाददाता कानपुर देहात अकबरपुर महाविद्यालय में कोरोना व अन्य वायरस की वैज्ञानिक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 08:19 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 08:19 PM (IST)
वैज्ञानिक सोच को ग्रामीण परिवेश में संचालित कराने की दी गई सलाह
वैज्ञानिक सोच को ग्रामीण परिवेश में संचालित कराने की दी गई सलाह

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : अकबरपुर महाविद्यालय में कोरोना व अन्य वायरस की वैज्ञानिक जागरूकता को लेकर अकबरपुर महाविद्यालय में पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। शिक्षक, शिक्षिकाओं और विद्यार्थियों को ग्रामीण समाज में वैज्ञानिक अवधारणा की अलख जगाने की बात कही गई।

अकबरपुर महाविद्यालय में पांच दिवसीय कार्यशाला का सीडीओ सौम्या पांडेय ने दीप जलाने के साथ सरस्वती मां के चित्र पर माल्यार्पण कर शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण समाज में वैज्ञानिक अवधारणाओं एवं उनके प्रति विश्वास का अभाव है जिनको पूर्ण करने में शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से कठपुतिलयों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। छात्र-छात्राओं को अपने अनुभव एवं उपलब्धियां गिनाते हुए जीवन-लक्ष्य निर्धारित कर हासिल करने में जुटने की बात कही। गुरुओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सम्मान करने की सलाह दी। महाविद्यालय के प्रबंधक डा. नरेंद्र द्विवेदी ने ग्रामीण समाज में में जागरूकता लाने के लिए गरीब से गरीब व्यक्ति तक वैज्ञानिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर बल दिया। डा. ओमेंद्र प्रताप सिंह ने कार्यशाला के क्रियान्वयन एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए जीवन में कला की उपयोगिता एवं महत्व को समझने पर बल दिया। डा. वीपी सिंह ने कार्यशाला के लक्ष्य व उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि जो कार्य हम प्रत्यक्ष रूप में नहीं कर सकते उन्हें सांकेतिक चित्रों आदि के माध्यम कुशलतापूर्वक संपन्न कर सकते हैं। लखनऊ से आई माया मिश्रा ने कठपुतली नृत्य के माध्यम से वैज्ञानिक जागरूकता का संचार उपस्थित लोगों में किया। संयोजक डा. विकास मिश्र ने कार्यशाला के वैज्ञानिक पहलुओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया। प्राचार्या डा. अंजू शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। संचालन उपप्राचार्य डा. उमेशचंद्र तिवारी ने किया। इस मौके पर सह-संयोजक डा. अभिनव सिंह, डा. देशदीपक द्विवेदी, प्रो. रामकृष्ण चतुर्वेदी, डा. अर्चना द्विवेदी, डा. सीमा द्विवेदी मौजूद रहीं।

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