जिले में 60 फीसद तालाबों की नहीं हुई सफाई
जागरण संवाददाता कानपुर देहात बारिश के पानी को संरक्षित कर जलसंरक्षण को बढ़ावा देने
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : बारिश के पानी को संरक्षित कर जलसंरक्षण को बढ़ावा देने के लिए शासन स्तर से तालाबों की सफाई व खोदाई के निर्देश दिए गए, लेकिन करीब 60 फीसद तालाबों की सफाई दो वर्ष से नहीं हो सकी है जबकि पहले इनकी सफाई व खोदाई भी होती थी। जिले में मनरेगा के तहत 497 तालाबों की ही सफाई हो सकी है।
वर्ष 2020-2021 व 2021-2022 में मनरेगा के तहत 571 तालाबों में खोदाई व सफाई का लक्ष्य तय हुआ था। तय लक्ष्य के सापेक्ष जिले में 497 तालाबों को सरकारी आंकड़ों के अनुसार संतृप्त भी किया गया। इनमें भी हकीकत कुछ और ही है। वहीं आज भी अकबरपुर, रसूलाबाद, झींझक, संदलपुर, मलासा, अमरौधा, डेरापुर व मूसानगर सहित अन्य ब्लाकों में अधिकांश तालाब कब्जे का शिकार हैं। इनकी सफाई व खोदाई का काम इधर कुछ वर्ष से नहीं किया गया। लोगों के निजी स्वार्थ ने तालाबों के किनारे कूड़ा, गोबर डालकर अस्थायी अतिक्रमण कर लिया है जबकि कई स्थानों पर स्थायी निर्माण कराकर अतिक्रमण किया गया है। इससे तालाबों का अस्तित्व ही खत्म हो गया है। जिले की बात करें तो 60 फीसद तालाब में सफाई की जरूरत है जहां यह हुआ ही नहीं है। वहीं ग्रामीणों ने भी इन तालाबों का ध्यान नहीं रखा। इससे जल संरक्षण को लेकर शासन की ओर से किए जा रहे प्रयास प्रशासनिक उदासीनता के कारण धरातल में दम तोड़ रहे हैं।