जिले में ढाई वर्ष में 1,200 विवेचना है लंबित

जागरण संवाददाता कानपुर देहात किसी भी अपराध में मुकदमा दर्ज होने के बाद अपराधी को कब अ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:54 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:54 PM (IST)
जिले में ढाई वर्ष में 1,200 विवेचना है लंबित
जिले में ढाई वर्ष में 1,200 विवेचना है लंबित

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : किसी भी अपराध में मुकदमा दर्ज होने के बाद अपराधी को कब और कितनी तेजी से सजा न्यायालय से मिलती है यह काफी कुछ विवेचना पर निर्धारित होता है। कानपुर देहात में बीते ढाई वर्ष की बात करें तो करीब 1,200 विवेचना अभी लंबित है। इसमें इस वर्ष के मुकदमे भी शामिल है। इन विवेचनाओं के लटकने से ही कई बार पीड़ित को इंसाफ मिलने में देरी हो जाती है और इसका सीधा फायदा आरोपित लेते हैं।

हाईकोर्ट ने मैनपुरी प्रकरण को लेकर डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वह बताएं कि जिलों में कितनी विवेचनाएं लंबित हैं। इसके बाद से पुलिस महकमा तेजी से जुट गया है। इनमें ज्यादा प्राथमिकता में बीते वर्ष के मुकदमे हैं जिनकी विवेचना जल्द पूरी करने की बात है। विवेचना लंबित होने की बात करें तो वर्ष 2019-20 में दो सौ व 2020-21 में करीब एक हजार मुकदमों की विवेचना लंबित पड़ी है। इनमें भी कई प्रमुख मामले हैं जिनकी विवेचना से मामला अटका पड़ा है। इसमें रूरा के नटपुरवा का कारीगर हत्याकांड, झींझक का किशोरी हत्याकांड समेत अन्य मामले प्रमुख हैं। इनमें साक्ष्य व वारदात की वजह पता न चलने से विवेचना फंसी पड़ी है। अब विवेचनाओं को तेजी से करने के निर्देश मिले हैं। खासकर पाक्सो एक्ट, दुष्कर्म, हत्या, अपहरण समेत अन्य जघन्य अपराध इसमें शामिल हैं। अब उम्मीद की जा सकती है कि लंबित विवेचनाओं का निपटारा जल्द होगा और कोर्ट में अपराधियों को सजा देने का काम होगा।

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- जो मामले बीते वर्ष के हैं उनकी विवेचना जल्द हो इसकी पूरी कोशिश है। सभी को निर्देश दिया गया है कि पाक्सो एक्ट, महिला व बाल संबंधी अपराध व संगीन वारदात की विवेचना तेजी से प्राथमिकता के आधार पर हो। - केशव कुमार चौधरी, एसपी

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