जिला सहकारी बैंक के दो और अफसर निलंबित, नोट गिनने की मशीन खरीद में गड़बड़ी का मामला
कानपुर के जिला सहकारी बैंक में दो साल पहले सीसीटीवी व नोट गिनने वाली मशीन खरीदी गई थी। यह खरीद बिना टेंडर करने का मामला सामने आने के बाद जांच में अफसर दोषी मिले थे जिसमें लखनऊ में मुख्यालय से संबद्ध तीन अधिकारी पहले निलंबित हो चुके हैं।
कानपुर, जेएनएन। सीसीटीवी कैमरे, नोट गिनने वाली मशीन की खरीदारी में टेंडर प्रक्रिया न अपनाने पर सहकारी बैंक में शासन स्तर से तीन अधिकारियों के निलंबन के बाद अब स्थानीय स्तर से दो अधिकारी निलंबित किए गए हैं। सहकारी बैंक के अफसरों पर लगातार कार्रवाई के बाद अन्य कर्मचारियों में अफरा तफरी का माहौल है। कुछ बैंक शाखाओं ने अपने खरीद संबंधी दस्तावेज भी दुरुस्त करने शुरू कर दिए हैं।
कानपुर के जिला सहकारी बैंक में 2018-19 में सीसीटीवी कैमरे, नोट गिनने और छांटने की मशीन की खरीदारी हुई थी। यह खरीदारी उप्र उपभोक्ता सहकारी संघ से हुई थी, जिसे शासन स्तर से अधिकृत भी किया गया था। हालांकि इस मामले में प्रमुख सचिव स्तर पर शिकायत की गई कि टेंडर की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। अगर अपनाई गई होती तो इन्हें और भी कम कीमत पर खरीदा जा सकता था। पुखरायां में जो आफिस मुख्य सड़क पर लाया गया उसके लिए भी शिकायत की गई कि उसमें भी टेंडर की प्रक्रिया अपनाए बिना आफिस के लिए जगह चुन ली गई।
जांच के बाद तत्कालीन सचिव अनिल कृष्ण त्रिपाठी, तत्कालीन उप महाप्रबंधक बृजेश विश्वकर्मा, सचिव अशोक वर्धन पाठक को शासन स्तर से निलंबित कर दिया गया। वहीं स्थानीय स्तर पर जिला सहकारी बैंक के सचिव व मुख्य कार्यपालक संजय पांडेय ने अरुण कठेरिया व संतोष कुशवाहा को निलंबित किया है। दोनों ही उस दौरान नाजिर का कार्य निभा चुके हैं। वर्तमान में अरुण कठेरिया अरौल में शाखा प्रबंधक हैं तो संतोष कुशवाहा अनुभाग अधिकारी संग्रह निरीक्षण हैं।
-खरीदारी में प्रक्रिया पूरी नहीं की गई थी। इसकी जांच चल रही थी। इसी मामले में पांचों लोगों को निलंबित किया गया है। -एसडी सिंह, कार्यवाहक चेयरमैन जिला सहकारी बैंक