पिता, बहन की हत्या में युवक को उम्रकैद

-हत्या कर पहुंचा था चौकी बनाई थी डकैती की कहानी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 01:53 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 01:53 AM (IST)
पिता, बहन की हत्या में युवक को उम्रकैद
पिता, बहन की हत्या में युवक को उम्रकैद

-हत्या कर पहुंचा था चौकी, बनाई थी डकैती की कहानी

-शक पर पुलिस ने बिठाया, फारेंसिक जांच में निकला सच

जागरण संवाददाता, कानपुर : पिता और बहन की निर्ममता से हत्या करने वाले को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद शफीक ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद और बीस हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। युवक ने घटना की सूचना खुद ही पुलिस को दी थी लेकिन डकैती में बहन और पिता की हत्या की कहानी बताई थी। फारेंसिक जांच में मामले का खुलासा हुआ है।

नौबस्ता के लालपुर निवासी चंद्रवीर सिंह 16 सितंबर 2016 की शाम 6:40 बजे हंसपुरम चौकी पहुंचा। उसके कपड़े खून से सने थे। उसने पुलिस को बताया कि घर में डकैती पड़ी है, जिसमें पिता चंद्रपाल सिंह व बहन कमलेश की हत्या कर दी गई है। खून से सने कपड़े देखकर चौकी इंचार्ज संतोष कुमार यादव को शक हुआ तो उन्होंने चंद्रवीर को चौकी में बैठा लिया। मौके पर फारेंसिक टीम के साथ पहुंचे तो देखा चंद्रपाल और कमलेश का शव अलग-अलग पड़ा हुआ है। ईंट से कुचलकर उनकी हत्या की गई थी। पुलिस ने चंद्रवीर सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। अभियोजन ने न्यायालय में पक्ष रखा कि कमलेश पति को छोड़कर पिता के पास रह रही थी। पिता उसे भी संपत्ति में एक हिस्सा देना चाहते थे। यही कारण था चंद्रवीर ने योजनाबद्ध तरीके से सोते समय दोनों की हत्या कर दी। अभियोजन ने विरलतम मामला बताते हुए फांसी की मांग की थी जिसे न्यायालय ने नहीं माना।

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बरात में जाने का दिया था तर्क

आरोपित चंद्रवीर सिंह ने पुलिस को बयान दिया था कि घटना देर रात की है। वह हमीरपुर रिश्तेदार की बरात में गया था। पड़ोसियों ने सूचना दी जिसके बाद सुबह वापस लौटा। इस मामले में चंद्रवीर के बड़े भाई अमर सिंह, राजवीर सिंह और धर्मवीर सिंह ने कोर्ट को दिए अपने बयानों में कहा था कि वह भी घर से बाहर थे। हत्या की सूचना मिलने पर वापस लौटे।

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अवैध संबंधों की बात आई थी सामने

पुलिस ने इस मामले में अवैध संबंधों की बात विवेचना में कही थी। इस मामले में 14 नवंबर 2016 को आरोप पत्र बना। अभियोजन के मुताबिक पुलिस ने 22 गवाह बनाए थे जिसमें 13 गवाह ही कोर्ट में पेश किए गए।

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