मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत उद्योग लगाने के लिए 30 फीसद युवाओं को ही मिल पाया ऋण
विभिन्न उद्योगों स्थापित करने के लिए 8.97 लाख छूट देने के लिए बैंकों को फाइल भेजी गई। उद्योग विभाग ने तैयार की अप्रैल से अक्टूबर माह तक भेजी जाने वाली फाइलों की रिपोर्ट। औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए मानक के अनुसार जगह न होना भी एक बड़ा कारण।
कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में थमे हुए उद्योगों को गति देने के लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है। इसके लिए नए उद्योग लगाने के लिए युवाओं को ऋण देने की योजना बनाई गई है, लेकिन यह योजना सौ फीसद फलीभूत नहीं हो पा रही हैं। उद्योग लगाने के लिए भेजे गए आवेदन के सापेक्ष 30 फीसद युवाओं को ही ऋण मिल सका है। उद्योग विभाग ने अधिक से अधिक युवाओं की औद्योगिक इकाइयां स्थापित कराने के लिए लक्ष्य से अधिक आवेदन भेजे थे लेकिन आलम यह है कि लक्ष्य तक पूरा नहीं हो सका है।
युवाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत शहर में 110 युवाओं को ऋण देने का लक्ष्य है। इन्हेंं उद्योग लगाने के लिए 2.13 करोड़ रूपये की छूट देनी थी। इन फाइलों के गिने चुने युवाओं को ही ऋण मिल पाया है। बैंकों ने जांच पड़ताल करने के बाद महज 1.37 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया है जबकि उद्योग स्थापित करने के लिए महज 65 लाख का ऋण ही युवा उद्यमियों के हाथ आया है। उद्योग विभाग ने एक अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक बैंकों को भेजी गई फाइलों की रिपोर्ट तैयार करके यह निष्कर्ष निकाला है।
इन कारणों से नहीं मिल पा रहा ऋण
मैन्यूफैक्चरिंग व सर्विस सेक्टर में जिस उत्पाद का उद्यम स्थापित करना चाहते हैं उसके बारे में जानकारी न होना औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए मानक के अनुसार जगह न होना उद्योग लगाने के लिए रेंट एग्रीमेंट मुहैया न करा पाना परियोजना से अधिक ऋण के लिए आवेदन करना ऋण के संबंध में पहले का रिकॉर्ड दुरुस्त न होनाइनका से है कहना