औरैया में संतान न होने से दुखी युवक ने फांसी लगा जान दी, मायके में थी बीमार पत्नी
औरैया के सहायल थानांतर्गत बेल्हूपुर गांव में रहने वाले युवक की शादी 13 साल पहले कानपुर के मकसूदाबाद में रहने वाली युवती से हुई थी। संतान न होने और पत्नी के बीमार रहने से युवक अवसाद में रहता था और आत्मघाती कदम उठा लिया।
औरैया, जेएनएन। सहायल थाना क्षेत्र के गांव बेल्हूपुर में शादी के 13 साल बाद संतान न होने से आहत युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। सोमवार पूर्वाह्न उसका शव घर के अंदर बरामदे में पंखे पर फांसी के फंदे पर लटका मिला तो घर में कोहराम मच गया। चीख पुकार सुनकर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की छानबीन की तो जानकारी हुई कि संतान न होने से वह दुखी रहता था।
सहायल थाना क्षेत्र के गांव बेल्हूपुर में उमाशंकर के बेटे 38 वर्षीय धीरज शुक्ल की शादी करीब 13 वर्ष पूर्व मकसूदाबाद कानपुर निवासी प्रीती के साथ हुई थी। शादी के बाद से दंपती निसंतान थे और प्रीती भी अक्सर बीमार रहती थी। बुढ़वा मंगल पर प्रीती अपने मायके माता-पिता के पास गई थी। सोमवार पूर्वाह्न घर का दरवाजा अंदर से बंद था और काफी देर तक गेट न खुलने पर पड़ोस में रहने वाले भाई अनिल शुक्ल छत के रास्ते बरामदे में पहुंचा। जहां भाई धीरज का शव घर के बरामदे में पंखे पर फांसी फंदे से लटका देखकर उसकी चीख निकल गई। आनन-फानन उसने पड़ोसियों व सहायल पुलिस को सूचना दी। घटना की जानकारी पर उप निरीक्षक उदयवीर सिंह पहुंचे और फंदे से शव काे उतरवाकर छानबीन की।
भाई अनिल व ग्रामीणों का कहना है कि शादी के बाद से संतान न होने से धीरज दुखी रहता था। पत्नी भी काफी समय से बीमार चल रही है। इस वजह से वह अवसाद में रहता था। वह चार भाइयों में सबसे छोटा था। सूचना पर पत्नी प्रीती भी मायके से सुसराल आ गई। थानाध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि स्वजन की ओर तहरीर नहीं दी गई है और किसी भी कार्रवाई से इन्कार किया है। पंचनामे के बाद शव स्वजन के सुपुर्द किया जा रहा है।