विश्व आदिवासी दिवस विशेष : कानपुर के इस गांव में गुर सीखते आदिवासी लाल और करते कमाल

छात्रावास से जुड़े डा. रमाकांत गुप्त बताते हैं पहले अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना 1952 में संस्थापक बालासाहब देशपांडे ने की थी। इसके बाद पूरे देश में इन आश्रमों के अंतर्गत राज्यवार इकाइयां-सेवा समर्पण संस्थान के नाम से खुलती गईं

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 09 Aug 2021 11:23 AM (IST) Updated:Mon, 09 Aug 2021 11:23 AM (IST)
विश्व आदिवासी दिवस विशेष : कानपुर के इस गांव में गुर सीखते आदिवासी लाल और करते कमाल
यहां के छात्रावास में प्रतिदिन आदिवासी भारत की तस्वीर झलकती

कानपुर(समीर दीक्षित)। आदिवासियों का नाम जुबान पर आते ही उनकी गरीबी, पिछड़ेपन की याद आ जाती है। हालांकि, शहर में एक ऐसा स्थान भी है, जहां आदिवासी लाल गुर सीखते हैं और जिंदगी में नए-नए कमाल करते हैं। यह स्थान है रावतपुर गांव स्थित बिरसा मुंडा वनवासी छात्रावास, जहां रहकर पढ़ाई करने के लिए पूरे देश से आदिवासी बच्चे पहुंचते हैं और कहते हैं कि वह राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देने को तैयार हैं। सोमवार को विश्व आदिवासी दिवस है। हालांकि, यहां के छात्रावास में प्रतिदिन आदिवासी भारत की तस्वीर झलकती है।

छात्रावास से जुड़े डा. रमाकांत गुप्त बताते हैं, पहले अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना 1952 में संस्थापक बालासाहब देशपांडे ने की थी। इसके बाद पूरे देश में इन आश्रमों के अंतर्गत राज्यवार इकाइयां-सेवा समर्पण संस्थान के नाम से खुलती गईं और उन इकाइयों के द्वारा बिरसा मुंडा वनवासी छात्रावास की स्थापना होती गई। इन छात्रावास में रहने वाले छात्र अन्य छात्रों की तरह चिकित्सक, सरकारी अफसर, शिक्षक बन सकें, इस मकसद को पूरा करने के लिए ही बालासाहब देशपांडे ने अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना की थी। मौजूदा समय में रावतपुर गांव स्थित छात्रावास में 35 छात्र हैं, जो आनलाइन पढ़ाई करते हैंं।

इन राज्यों और शहरों से आते हैं छात्र : छात्रावास में सोनभद्र, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, असम समेत अन्य राज्यों व शहरों से आते हैं। संगठन के पदाधिकारी इन छात्रों को लेकर एक दूसरे से संपर्क करते हैं, फिर इनका प्रवेश छात्रावास में कराया जाता है। वहीं, जो छात्र आगे पढऩा चाहते हैं, उनका दाखिला जय नारायण विद्या मंदिर, सेठ मोतीलाल, जुगल देवी, सरस्वती शिशु मंदिर समेत अन्य विद्यालयों में कराया जाता है।  

chat bot
आपका साथी